151 नदियों का जल लेकर अयोध्या पहुंचे दो भाई

संवाददाता

अयोध्या. राम मंदिर के भूमि पूजन पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पांच अगस्त को भूमि पूजन के साथ ही राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के रहने वाले दो सगे भाई राधे श्याम पांडे और शब्द वैज्ञानिक महाकवि त्रिफला राम मंदिर की नींव में डालने के लिए 151 से ज़्यादा पवित्र नदियों का जल लेकर अयोध्या पहुंचे हैं. राधेश्याम पांडे ने कहा कि मैं भारत की 151 नदियों, 8 बड़ी नदियों, 3 समुद्र का जल लाया हूं. उन्होंने कहा कि मैं श्रीलंका की 16 स्थानों की पवित्र मिट्टी, 5 समुद्र और 15 नदियों का जल भी लाया हूं. मैं पैदल, साइकिल, ट्रेन, हवाई जहाज से यात्रा करके ये सब लाया हूं. मैंने 1968-2019 तक यात्रा करके ये सब इकट्ठा किया है.
भूमि पूजन कराने के लिए तीन आचार्य काशी से जा रहे हैं और अब भूमि पूजन में नींव के अंदर विराजित होने के लिए वाराणसी से ही सोने के शेषनाग, चांदी के कच्छप, चांदी के पांच बेलपत्र, सोने के वास्तुदेवता, सवा पाव चंदन और पंचरत्न जाएंगे. सभी बनकर तैयार हो गए हैं और काशी विद्धत परिषद के महामंत्री और बनारस हिंदू विश्वविदयालय के धर्म विज्ञान संकाय के प्रोफेसर डॉ राम नारायण द्विवेदी के पास पहुंच गए हैं. प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी के साथ बीएचयू के ही प्रोफेसर विनय पांडेय और प्रोफेसर रामचंद्र पांडेय इनको लेकर अयोध्या पहुंचेंगे. जहां पीएम मोदी शिलान्यास में विधिवत पूजन अर्चन के साथ इन्हें राम मंदिर की नींव में स्थापित करेंगे. खास बात ये है कि पहले इन सभी को बाबा विश्वनाथ को चढ़ाया जाएगा. फिर प्रसाद स्वरूप लेकर जाकर अयोध्या में श्रीराम मंदिर की नींव में पीएम मोदी इसे स्थापित करेंगे. काशी विद्धत परिषद के महामंत्री प्रो राम नारायण द्विवेदी ने बताया कि सोने के शेषनाग, चांदी के कच्छप, चांदी के पांच बेलपत्र, सोने के वास्तुदेवता, सवा पाव चंदन और पंचरत्न सब तैयार हो गए हैं. अब इन्हें बाबा विश्वनाथ को अर्पित कर प्रसाद के रूप में अयोध्या लेकर जाएंगे

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