1 मार्च को मनाया जाएगा महाशिवरात्रि का त्योहार : ज्योतिषाचार्य पं. सुरेंद्र शर्मा

– महाशिवरात्रि 1 मार्च को सुबह 3 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 2 मार्च को सुबह 10 तक रहेगी

मुरादाबाद (हि.स.)। श्री हरि ज्योतिष संस्थान माता मंदिर लाइनपार मुरादाबाद के संचालक प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि 1 मार्च मंगलवार को फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा।

ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि 1 मार्च को सुबह 3 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर 2 मार्च को सुबह 10 तक रहेगी। पहला प्रहर का मुहूर्त 1 मार्च शाम 6 बजकर 21 मिनट से रात्रि 9 बजकर 27 मिनट तक है। दूसरे प्रहर का मुहूर्त 1 मार्च रात्रि 9 बजकर 27 मिनट से रात्रि 12 बजकर 33 मिनट तक है। तीसरे प्रहर का मुहूर्त 1 मार्च रात्रि 12 बजकर 33 मिनट से सुबह 3 बजकर 39 मिनट तक है। चौथे प्रहर का मुहूर्त 2 मार्च सुबह 3 बजकर 39 मिनट से 6 बजकर 45 मिनट तक है। पारण समय 2 मार्च को सुबह 6 बजकर 45 मिनट के बाद होगा।

पंडित सुरेंद्र शर्मा ने आगे कहा कि महाशिवरात्रि के दिन पूजा, व्रत, साधना, मंत्रजाप और रात्रि जागरण का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन चार पहर की पूजा का विधान है। इस दिन रात्रि पूजन भी किया जाता है लेकिन इससे महत्वपूर्ण चार पहर की पूजा होती है। उन्होंने बताया कि चार पहर की पूजा करने से व्यक्ति जीवन के चारों पापों से मुक्त हो जाता है तथा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि के दिन चार पहर की पूजा संध्या काल से शुरू होकर अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त तक की जाती है।

पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि शिवरात्रि के दिन शिव जी का पंचामृत से अभिषेक करें, चंदन का तिलक लगाएं, बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र और वस्त्र आदि अर्पित करें। शिव जी के समुख दीप जलाएं और केसर युक्त खीर का भोग लगाएं, ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय, महामृत्युंजय मंत्र का नाम जाप व शिव पुराण का पाठ करें।

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महाशिवरात्रि का महत्व

ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव लिंग के स्वरुप में प्रकट हुए थे कि इसी तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन भगवान सदाशिव ने परम ब्रह्म स्वरुप से साकार रूप धारण किया था। महाशिवरात्रि पर अविवाहित कन्याएं पूरे दिन उपवास रखते हुए शिव आराधना में लीन रहती हैं और भगवान शिव से योग्य वर की प्राप्ति के लिए कामना करती हैं। इसके साथ ही वैवाहिक जीवन जी रहे लोगों की जिंदगी में भी खुशियां बनी रहती हैं। महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से सभी तरह के सुख और मनोकामनाओं की पूर्ति होती हैं।

निमित जायसवाल

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