साधना रानी ठाकुर करेंगी श्रीकृष्ण विराजमान मुकदम की सुनवाई
अदालत ने स्वीकार की याचिका, दो घंटे चली बहस, अगली सुनवाई 16 को
प्रादेशिक डेस्क
मथुरा। श्रीकृष्ण विराजमान को लेकर अवर अदालत द्वारा खारिज की गई याचिका को जिलाजज साधना रानी ठाकुर की अदालत ने सोमवार को स्वीकार करते हुए पत्रावली तलब की है। अगली सुनवाई 16 अक्तूबर को होगी। इसके बाद ही अदालत कोई निर्णय देगी।
श्रीकृष्ण विराजमान और शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने के लिए रंजना अग्निहोत्री सहित 6 भक्तों की ओर से दायर की गई याचिका को अपर जिला जज/एफटीसी द्वितीय छाया शर्मा ने खारिज कर दिया था। इसी आदेश को भक्तों की ओर से अधिकवक्ता विष्णु शंकर जैन, हरी शंकर जैन और पंकज कुमार वर्मा ने जिलाजज साधना रानी ठाकुर की अदालत में चुनौती दी है। सोमवार को अदालत ने करीब दो घंटे अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, हरी शंकर जैन और पंकज कुमार वर्मा को सुना और उनकी अपील को अंगीकृत करते हुए अवर अदालत से पत्रावली तलब करने के आदेश जारी किए हैं। अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 16 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की है। अधिवक्ता हरीशंकर जैन ने बताया की जिलाजज की अदालत ने उनकी अपील को अंगीकृत करते हुए निचली अदालत से पत्रावली तलब की है। अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 16 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की है।
जिलाजज साधना रानी ठाकुर ने अधिवक्ता हरीशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन और पंकज कुमार वर्मा को सुनने के लिए अदालत में बुलाया। तीनों अधिवक्ताओं 2ः45 बजे अदालत में प्रवेश किया और 4ः21 बजे वह अदालत के बाहर आए। इस दौरान अधिवक्ता और भक्त रंजना अग्निहोत्री, वादी संख्या 6 तरुणेश शुक्ला अदालत के बाहर रहे। श्रीकृष्ण विराजमान की ओर से सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में 25 सितंबर को याचिका दायर की गई थी। अदालत के छुट्टी पर होने के कारण इसे उनकी लिंक कोर्ट अपर जिलाजज/एफटीसी द्वितीय छाया शर्मा की अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया। अदालत ने 30 सितंबर को इस पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया था।
याचिका में श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान, शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को पार्टी बनाया है। सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इस मामले की पैरवी के लिए सदर बाजार निवासी मश्कुर अली को पैरवी के लिए अधिकृत किया है। मश्कुर अली ने सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से शैलेश दुबे को अधिवक्ता नियुक्त किया है। शैलेश दुबे ने बताया कि उनके पक्षकार को अदालत से कोई अधिकृत नोटिस नहीं मिला है। यदि नोटिस मिलेगा तो सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से वह अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखेंगे।