शक्ति भवन में आयोजित हुआ ऊर्जा निगमों के जनसूचना अधिकारियों का प्रशिक्षण

-सूचना आयुक्त ने सूचना अधिकार को बताया, पारदर्शिता एवं ईमानदारी का सबसे बड़ा हथियार

लखनऊ(हि.स.)। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेश के मुख्यालय शक्ति भवन में गुरुवार को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत एक प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें अधिनियम की धारा 18 एवं 19 के अन्तर्गत शिकायतों व अपीलों के त्वरित समाधान के उद्देयश्य हेतु ऊर्जा निगमों के जनसूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया।

इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुए राज्य सूचना आयुक्त अजय कुमार उप्रेती ने जनसूचना अधिकार अधिनियम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार जितना सूचना मांगने वाले के हितों का संरक्षक है, उतना ही देने वाले लोकसेवकों का भी। इसलिये इस अधिनियम को पढ़कर समय से उत्तर दीजिये। इसकी सबसे महत्वपूर्ण कड़ी जनसूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी हैं। उन्हें अधिनियम को ठीक से अध्ययन करके उसके अनुरूप सूचना देनी चाहिए। इससे अधिकांश समस्या हल हो जायेगी।

राज्य सूचना आयुक्त का स्वागत उप्र. पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम. देवराज ने किया। एम. देवराज ने कहा कि ऊर्जा निगमों में इस अधिनियम का अत्यन्त महत्व है। बिजली आज प्रत्येक व्यक्ति के लिये आवश्यक है। यह जीवन रेखा बन गयी है। इसलिए विभिन्न समस्याओं को लेकर उपभोक्ता आरटीआई में जाता है। इसलिये हमारे जन सूचना अधिकारियों एवं अपीलीय अधिकारियों को समय से यह सूचना देनी चाहिए। निगम में सूचना अधिनियम के अनुरूप प्रर्याप्त संख्या में जनसूचना अधिकारी नियुक्त हैं। सूचना का अधिकार प्रशासन को जनता के प्रति अधिक उत्तरदायी बनाता है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन सेन्टर फार एक्सीलेन्स एवं ट्रेनिंग के पूर्व निदेशक राजेश मेहतानी ने किया। मेहतानी ने अधिनियम की कार्य प्रणाली और प्राविधानों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। साथ ही प्रशिक्षणार्थियों के प्रश्नों के उत्तर भी समझाये। कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन निदेशक (कार्मिक प्रबन्धन एवं प्रशासन) मृगांक शेखर दास ने दिया।

उपेन्द्र/दिलीप

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