माता सीता को अचल सौभाग्य के लिए सती अनुसुइया ने बताया था करवा चौथ का व्रत : आचार्य हरिओम पाठक

धर्माचार्य की अपील,धार्मिक पर्वों व देवी-देवताओं पर न करें अभद्र टिप्पणी

झांसी(हि. स.)। अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। महानगर के धर्माचार्य हरिओम पाठक ने कहा कि भारतीय संस्कृति में करवा चौथ का विशेष महत्व है। इस दिन गृहणियां अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं और देर शाम चन्द्रमा के दर्शन के साथ पूजा-अर्चना कर व्रत खोलती है। उन्होंने कहा कि करवा चौथ का व्रत रखने वाली गृहणियों के पति के बड़े संकट छोटे होकर निकल जाते हैं। भारत मे यह धार्मिक परम्परा हजारों वर्षों से चली आ रही है। उन्होंने बताया कि करवा चौथ के व्रत को सती अनसुइया ने माता सीता को अचल सौभाग्य के लिए बताया था।

उन्होंने कहा कि गांव हो या शहर, हर स्थान पर हर घर मेंकरवा चौथ का त्यौहार महिलाएं बड़े उत्साह के साथ मनाती हैं। इस त्यौहार को मनाने के लिए सप्ताह भर से तैयारी भी करती हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इस वर्ष 13 अक्टूबर को करवा चौथ है। एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि धार्मिक त्योहारों व हमारे देवी-देवताओं के विरुद्ध बनने वाले चुटकुले व वाट्सअप के माध्यम से की जाने वाली फूहड़ मजाक बंद होनी चाहिए। इसे हिन्दू समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। महानगर धर्माचार्य पं हरिओम पाठक ने हिन्दू समाज के त्योहारों व देवी देवताओं पर गलत जोक्स बंद कराने के लिए लोगों से आगे आने की अपील की है।

महेश

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