महिलाओं को सेना में स्थायी कमीशन के लिए बना चयन बोर्ड
नई दिल्ली(Agency)। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेना में महिलाओं को स्थाई कमीशन देने के लिए चयन बोर्ड गठित कर दिया गया है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद महिला अधिकारियों को आवेदन प्रस्तुत करने के प्रशासनिक निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि बोर्ड उनके आवेदन पर विचार कर सके।
सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया कि भारतीय सेना में महिला अधिकारियों की स्क्रीनिंग के लिए गठित विशेष चयन बोर्ड ने सेना मुख्यालय में कार्यवाही शुरू की है। बोर्ड का नेतृत्व वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं और इसमें ब्रिगेडियर रैंक की एक महिला अधिकारी को भी शामिल किया गया है। चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता रखने के लिए महिला अधिकारियों को पर्यवेक्षक के रूप में कार्यवाही देखने की अनुमति दी गई है। स्क्रीनिंग प्रक्रिया में अर्हता प्राप्त करने वाली महिला अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन (पीसी) प्रदान किया जाएगा।
इससे पहले महिला अधिकारियों को 31 अगस्त, 2020 तक सेना मुख्यालय में अपना आवेदन पत्र, विकल्प प्रमाण पत्र और अन्य संबंधित दस्तावेज जमा करने के निर्देश दिए गए थे। सही दस्तावेज के साथ सही तरीके से आवेदन करने की सुविधा के लिए प्रशासनिक निर्देशों में नमूना प्रारूप और विस्तृत जांच सूची शामिल किए गए। कोविड की वजह से लगाए गए मौजूदा प्रतिबंधों के कारण इन निर्देशों के प्रसार के लिए कई साधनों का इस्तेमाल किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये दस्तावेज़ प्राथमिकता के आधार पर सभी प्रभावित महिला अधिकारियों तक पहुंच सकें। आवेदनों की प्राप्ति और उनके सत्यापन के बाद अब चयन बोर्ड का गठन करके भारतीय सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन (पीसी) देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
सेना में फिलहाल महिला अधिकारियों को केवल दो शाखाओं जज एडवोकेट जनरल और शिक्षा कोर में ही स्थायी कमीशन मिलता था। एसएससी के तहत महिला अधिकारियों को शुरू में पांच वर्ष के लिए लिया जाता था, जिसे बढ़ा कर 14 वर्ष तक किया जा सकता था। स्थायी कमीशन मिलने से उन्हें सेवानिवृत्ति की उम्र तक सेवा का लाभ मिलेगा।