पांटून पुल में मानक के साथ खिलवाड़, दुर्घटना का बड़ा कारण

बांदा(हि.स.)। बांदा फतेहपुर जनपद को जोड़ने के लिए यमुना नदी में बांदा के जसपुरा ब्लॉक क्षेत्र में एवं फतेहपुर जनपद के खजुहा ब्लॉक क्षेत्र में एक पीपे का पुल बनाया हुआ है। जिसमे मानकों के साथ मे जमकर खिलवाड़ किया जा रहा है।

पाटूंन पुल के पीपे के ऊपर डाले गए लकड़ी के पटरे टूटे हुए हैं। रेलिग में तार या लोहे की पाइप की जगह दोनों किनारों में रस्सी लगाई गई हैं। जबकि मानक यह है कि तार या लोहे के पाइप होने चाहिए जिससे की यदि कोई वाहन अनियंत्रित होता हैं तो वह नदी में जाने से बचे। इस पाटूंन पुल से पांच सौ से अधिक छोटे-बड़े वाहन तथा सैकड़ों पैदल यात्री निकलते है। इस पुल से जसपुरा ब्लॉक क्षेत्र के लोग तेहपुर,कानपुर,लख़नऊ आदि शहरों में तथा इन जिलों के लोग गांवों कस्बो में जाते हैं। तमाम व्यापारी इसी रास्ते का प्रयोग करके कानपुर से सामान भी लाते हैं।

मानक के अनुसार पीपे की पुल की क्षमता सात टन तक ही है लेकिन ओवरलोड मिट्टी के ट्राले, बालू से भरे ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रालियां, ईटों से भरी ट्रैक्टरों के ट्राली, तो लकड़ी से भरे ट्रक एवं अन्य व्यावसायिक प्रयोग के पीपे के पुल के लिए प्रतिबंधित भारी वाहन निकलते हैं। जहां एक ओर मानक सात टन का हैं वही भारी वाहनों से 60 से 70 टन माल निकल रहे हैं। ओवरलोड वाहनों को रोकने के लिए कही पर भी बैरीकेडिंग नहीं बनी हुई है। स्थनीय ग्रामीणों की माने तो ओवरलोड वाहनों के निकालने में पुलिस एवं डॉयल 112 के पुलिस कर्मी भी शामिल हैं। सबसे ज्यादा ओवरलोड वाहन रात के अंधेरे में निकलते हैं।

बताते चलें कि, संबंधित विभाग व ठेकेदार की लापरवाही से पांटून पुल पर ओवरलोड वाहन निकाले जाते हैं। इसी वजह से शनिवार की रात यमुना नदी के पर बने इस पांटून पुल से धान की बोरियों से लदा ट्रक यमुना नदी में समा गया। अभी तक ट्रक से एक व्यक्ति की लाश मिली है और अभी भी ट्रक में और लाश फंसी होने की संभावना से गोताखोरों द्वारा खोजबीन की जा रही है।

अनिल

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