पशु को स्वस्थ बनाए रखने हेतु सबसे महत्वपूर्ण कारक टीकाकरण : डॉ.शशिकांत
कानपुर (हि.स.)। लाभदायक डेयरी फार्मिंग के लिए पशु को स्वस्थ बनाए रखने हेतु टीकाकरण सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। डेयरी पशुपालन को बैक्टीरिया, वायरस, कवक और परजीवी के कारण होने वाली बीमारियों के लिए अति संवेदनशील होते हैं। यह बात मंगलवार को एससीएसपी योजना के तहत पशुपालकों को टीकाकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम में चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. शशिकांत ने कही।
उन्होंने कहा कि लाभदायक डेयरी फार्मिंग के लिए पशु को स्वस्थ बनाए रखने हेतु टीकाकरण सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। डेयरी पशुपालन को बैक्टीरिया, वायरस, कवक और परजीवी के कारण होने वाली बीमारियों के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। इसलिए जानवरों की देखभाल करना और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि वह बीमारियों के खतरों से सुरक्षित है या नहीं। टीकाकरण पशु स्वास्थ्य और पशु कल्याण दोनों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
डॉक्टर कांत ने किसानों को बताया कि टीकाकरण पशु रोग को रोकने खाद्य उत्पादन की दक्षता बढ़ाने और लोगों को जेनेटिक और खाद्य जनित संक्रमणों के संरक्षण को रोकने के लिए एक प्रभावी तरीका है।
इस मौके पर मृदा केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर खलील खान ने बताया कि किसान भाई अपने पशुओं का टीकाकरण गलघोटू, खुर पका, मुंह पका, ब्रुसेलोसिस, एंथ्रेक्स इत्यादि के आने से पूर्व में ही टीकाकरण कर ले,तो पशुओं की यह बीमारियां नहीं लग पाएगी। जिससे किसानों की पशुधन की हानि नहीं होगी तथा उनकी आय में वृद्धि होगी।
सीएसए के मीडिया प्रभारी डॉ.खलील खान ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर के द्वारा अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत ग्राम पांडे निवादा में डेयरी पशुओं में टीकाकरण का महत्व के विषय पर दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का समापन हुआ। इस प्रशिक्षण में गौरव शुक्ला, रामाश्रय के साथ किसान एवं दर्जनों महिलाएं उपस्थिति रही।
राम बहादुर/मोहित