नेपियर घास की खेती पशुओं को हर मौसम में देगी हरा चारा
कासगंज (हि.स.)। जिला प्रशासन की पहल पर कई गोशालाओं में नेपियर घास की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। इससे पशुओं को हरे चारे की किसी भी मौसम में दिक्कत उत्पन्न नहीं होगी। सिढपुरा ब्लॉक के पिथनपुर में स्थित गोशाला से सिटी 20 बीघा भूमि पर नेपियर घास की खेती की शुरुआत हो गई है। इसके अलावा प्रशासन सभी गोशालाओं से लगी भूमि पर घास को उगाने की तैयारी कर रहा है। नेपियर घास पशुपालकों के लिए वरदान है।
जनपद में 14 गोशाला स्थित हैं। इनमें चार गोशाला देहात क्षेत्र में हैं, जबकि 10 गोशाला में शहरी व कस्बाई इलाकों में स्थित हैं। देहात क्षेत्र में स्थित गोशाला से सटी भूमि पर जिला प्रशासन नेपियर घास की खेती कराने की तैयारी कर दी है। पिथनपुर में 20 बीघा भूमि पर नेपियर घास का रोपण किया जा चुका है। जल्द ही यह घास तैयार हो जाएगी। इसके अलावा यहां 30 बीघा भूमि पर और भी घास लगाई जाएगी। इसका उपयोग किसी भी मौसम में हरे चारे के रूप में किया जा सकता है। कम लागत से तैयार होने वाली नेपियर घास की उत्पादकता से गोवंश को हरे चारे की किसी भी मौसम में कमी नहीं होगी।
मनरेगा श्रमिकों को मिलेगा कार्यनेपियर घास को रोपित करने के लिए श्रमिकों की आवश्यकता रहती है। इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी के निर्देश पर सम्बनिघत खण्ड विकास अधिकारियों ने मनरेगा श्रमिकों को कार्य पर लगाया है। नेपियर घास की खेती करने एवं उसके रखरखाव के लिए मनरेगा श्रमिकों को भी अनवरत रूप से रोजगार उपलब्ध रहेगा।
नेपियर घास की यह होती है विशेषताइंजीनियर अमित तिवारी का कहना है कि नेपियर घास विशेष तरह की घास होती है। इसे कम लागत में लगाया जा सकता है। जबकि इसका उपयोग एक बार रोपण करने के बाद 8 वर्षों तक किया जा सकता है। बार-बार कटाई के बावजूद भी इसमें लगातार वृद्धि होती ही रहती है। जिससे हरे चारे के रूप में इसका प्रयोग किया जाता है। सभी मौसम में यह घास पनपती है।
क्या कहते हैं सीडीओकासगंज के मुख्य विकास अधिकारी तेज प्रताप मिश्रा इस घास के उत्पादन को लेकर कहते हैं कि जनपद की विभिन्न गोशालाओं में गोवंश को अब हरे चारे की दिक्कत नहीं होगी। जाड़ा, गर्मी, बरसात सभी मौसम में नेपियर घास हरे चारे के रूप में उपलब्ध रहेगी। उन्होंने बताया कि पिथनपुर में 20 बीघा में घास लगाई जा चुकी है। जबकि 30 बीघा में और लगाई जाएगी। इसी तरह पटियाली के नवादा में भी 10 हेक्टेयर में घास लगाने का काम जारी है। इसकी जिम्मेदारी सम्बन्धित खण्ड विकास अधिकारियों को सौंपी गई है। इसके अलावा शहरी क्षेत्र की गोशाला में वर्मी कंपोस्ट की भी तैयारी जारी है।