डाटा सम्बन्धी कार्यों के प्रबन्धन-विश्लेषण को 32.80 करोड़ की धनराशि देने का निर्णय

-साइबर थानों के लिये डाटाबेस मैनेजमेंट, फॉरेन्सिक टूल्स, सॉफ्टवेयर की होगी खरीद
-बीते वर्ष अगस्त से दिसम्बर तक साइबर अपराधों से जुड़े 893 अभियुक्त गिरफ्तार
लखनऊ (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। इसके तहत प्रदेश के सभी परिक्षेत्रीय साइबर थानों को पर्याप्त उपकरणों एवं संसाधनों की व्यवस्था शीघ्र किये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
शासन द्वारा नये साइबर थानों को और अधिक सुदृढ़ करने एवं डाटा सम्बन्धी कार्यों आदि के लिये और बेहतर परिणाम के लिए 32.80 करोड़ की धनराशि मंजूर किये जाने का निर्णय किया गया है। इस धनराशि से सभी साइबर थानों के साइबर लैब के लिए डाटाबेस मैनेजमेंट, फॉरेन्सिक टूल्स, डेटा एनेलिसिस सॉफ्टवेयर, डेटा एक्सट्रैक्शन सॉफ्टवेयर आदि क्रय किये जायेंगे।
इसी कड़ी में अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में मंगलवार को लोक भवन स्थित सभाकक्ष में एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जानकारी दी गयी कि साइबर अपराधों के आरोप में गत वर्ष 2020 में माह अगस्त से दिसम्बर तक की अवधि में कुल 893 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गयी है।
बैठक में बताया गया कि शासन द्वारा साइबर अपराधों पर कड़ी नजर रखी जा रही है तथा उसकी रोकथाम के लिए प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश के नवसृजित परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम पुलिस थानों में कुल 243 अभियोग पंजीकृत किये गये हैं। इनमें से आगरा में 14, अलीगढ़ में 08, प्रयागराज में 13, चित्रकूट धाम (बांदा) में 02, बरेली में 11, मुरादाबाद में 24, गोरखपुर में 11, बस्ती में 06, देवीपाटन (गोण्डा) में 04, कानपुर में 13, झांसी में 09, अयोध्या में 11, लखनऊ में 40, गौतमबुद्धनगर, (मेरठ) में 27, सहारनपुर में 05, आजमगढ़ में 13, मिर्जापुर में 09 व वाराणसी में 23 अभियोग पंजीकृत किये गये हैं।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने निर्देश दिए कि साइबर थानों के लिये जरूरी स्टाफ की व्यवस्था पुलिस विभाग में उपलब्ध संसाधनों से तत्काल सुनिश्चित की जाए। उन्होंने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए आम जनमानस में इसके सम्बन्ध में और अधिक जागरूकता बढ़ाये जाने के भी निर्देश दिये हैं। अपर पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम राम कुमार ने बताया कि साइबर अपराधों की रोकथाम के अलावा जनजागरूकता बढ़ाये जाने के सम्बन्ध में भी गम्भीरता से प्रयास किये जा रहे हैं। यूपी 112 स्थित साइबर लैब से तीन व पांच दिवसीय प्रशिक्षण में अब तक कुल 1,232 अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया कि जनता से अपेक्षा की गयी है कि वे किसी भी तरह का लेन देन, पंजीकरण से समबन्धित गोपनीय ओटीपी को किसी से साझा न करे, अंजान व्यक्ति से बैंक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड से जुड़ी जानकारी साझा न करे, सोशल मीडिया के माध्यम से मिले अन्जान व्यक्तियों के लिंक, क्यू आर कोड पर कार्यवाही न करे।
बैठक में गृह सचिव भगवान स्वरूप के अलावा पुलिस विभाग के साइबर शाखा से जुड़े अधिकारी व गृह विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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