खत्म हुआ इन्तजार, अंबाला पहुंचे पांच राफेल
- भारतीय वायुसीमा में 01.29 बजे दाखिल हुए, कंट्रोल रूम ने कहा-बेस्ट ऑफ लक
–
अरब सागर से निकलने पर नौसेना ने स्वागत में कहा- हैप्पी हंटिंग...हैप्पी लैंडिंग - वायुसेना के सी
-130जे हरक्यूलिस विमान ने राफेल की फ्लीट को किया एस्कॉर्ट
- लैंडिंग होने के बाद राफेल विमानों को ‘वाटर सैल्यूट’ दिया गया
नई दिल्ली। आखिरकार लम्बे इन्तजार के बाद पांच राफेल विमानों ने बुधवार दोपहर अंबाला एयरबेस पहुंच गए। सुरक्षित लैंडिंग होते ही पूरा देश खुशी से झूम उठा। इन फाइटर जेट्स ने सुबह 11 बजे यूएई से उड़ान भरी थी। दोपहर 01.29 बजे भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करते ही वायुसेना के दो सुखोई-30एमकेआई विमानों ने राफेल की इस फ्लीट को अंबाला एयरबेस तक एस्कॉर्ट करने की भूमिका निभाई। पांचों राफेल ने पहले पूरे एयरबेस की परिक्रमा की और करीब 3 बजकर 9 मिनट पर अंबाला एयरबेस पर सुरक्षित लैंडिंग होने के बाद राफेल विमानों को ‘वाटर सैल्यूट’ दिया गया।
फ्रांसीसी शहर बोर्डो के मेरिनैक एयरबेस से उड़ान भरने के सात घंटे बाद सोमवार रात को ये विमान संयुक्त अरब अमीरात में अबू धाबी के पास अल धफरा में फ्रांसीसी एयरबेस पर उतरे थे। इस बीच मंगलवार सुबह अमेरिका के साथ चल रहे तनाव के बीच ईरान ने संयुक्त अरब अमीरात स्थित फ्रांस के अल धफरा हवाई ठिकाने के पास कई मिसाइलें दागीं। इस ईरानी मिसाइल परीक्षण के बाद पूरे फ्रांसीसी बेस को हाई अलर्ट कर दिया गया। इसी एयरबेस पर भारत आ रहे पांचों राफेल फाइटर जेट खड़े थे और उनके साथ भारतीय पायलट भी मौजूद थे। ईरानी मिसाइल खतरे को देखते हुए भारतीय पायलटों को भी सुरक्षित स्थानों पर छिपने के लिए कहा गया और वे सुरक्षित स्थानों पर चले गए। ईरान इस इलाके में सैन्य अभ्यास कर रहा है। इसी क्रम में खाड़ी में स्थित अमेरिकी और फ्रांसीसी सैन्य ठिकानों के पास मिसाइल परीक्षण किया गया।
संयुक्त अरब अमीरात के एयर बेस से बुधवार को सुबह 11.40 बजे के करीब राफेल विमानों ने भारत के लिए उड़ान भरी। 01.29 बजे राफेल विमान भारतीय वायुसीमा में दाखिल हुए। गुजरात के जामनगर की तरफ से भारतीय वायु क्षेत्र में प्रवेश करते ही वायुसेना के दो सुखोई-30एमकेआई विमानों ने राफेल की इस फ्लीट को अंबाला एयरबेस तक एस्कॉर्ट करने की भूमिका निभाई। कंट्रोल रूम ने इन पांचों विमानों का स्वागत किया और बेस्ट ऑफ लक कहा। जब ये विमान अरब सागर से निकले तो वहां तैनात नौसेना के आईएनएस कोलकाता कंट्रोल रूम से ही उनका स्वागत करते हुए कहा गया- ‘इंडियन नेवल वॉर शिप डेल्टा 63 ऐरो लीडर. मे यू टच द स्काई विद ग्लोरी, हैप्पी हंटिंग. हैप्पी लैंडिंग.’ (भारतीय समुद्र क्षेत्र में आपका स्वागत है, आशा है कि आप आसमान की ऊंचाइयों को छुएं, आपकी लैंडिंग सफल हो.) इसके जवाब में राफेल विमान में मौजूद पायलट की ओर से भी शुक्रिया अदा करके कहा गया-विश यू फेयर विंड्स...हैप्पी हंटिंग...ओवर एंड आउट। साथ ही कहा गया कि भारतीय नौसेना का जहाज सीमा की रक्षा के लिए यहां पर मौजूद है, ये संतुष्टि करने वाला है। मुंबई एयर स्पेस में राफेल विमानों के पहुंचते ही अम्बाला एयरबेस का कंट्रोल रूम सक्रिय हो गया और लैंडिंग कराने की तैयारी शुरू कर दी।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आज सुबह ही अंबाला में आमतौर पर एक या दो बार बारिश होने या गरज के साथ बादल छाए रहने की भविष्यवाणी की थी। इस वजह से वायुसेना के अधिकारी अलर्ट थे, ताकि मौसम खराब होने पर राफेल्स का रुख राजस्थान की ओर किया जा सके। वैसे भी प्लान ‘बी’ के तहत पहले से ही पांचों फाइटर जेट्स की लैंडिंग कराने के लिए राजस्थान के जोधपुर एयरबेस को तैयार रखा गया था। मौसम अनुकूल होने पर फ्रांस से 7 हजार किमी. की यात्रा पूरी करके दोपहर 3 बजकर 9 मिनट पर अंबाला एयरबेस पर सुरक्षित लैंडिंग की। भारत पहुंचे पांच राफेल्स में से ट्विन सीटर्स दो विमानों को आरबी-001 और आरबी-004 नाम दिया गया है। इसी तरह सिंगल सीट वाले तीन विमानों को बीएस-001, बीएस-003 और बीएस-004 नाम दिया गया है। अंबाला एयरबेस पहुंचने पर राफेल विमानों को ‘वाटर सैल्यूट’ दिया गया। राफेल की अगवानी करने के लिए वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया, पूर्व वायुसेना प्रमुख चीफ मार्शल बीएस धनोवा, फ्रांसीसी दूतावास के अधिकारी और वायुसेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी अंबाला एयरबेस पहुंचे। राफेल को उड़ाकर लाने वाली पायलट्स की टीम की अगुवाई ग्रुप कैप्टन हरकीरत सिंह ने की। यहां सफल लैंडिंग होने के बाद चालक दल ने एयर चीफ भदौरिया को फ्रांस में मिलीं ट्रेनिंग के बारे में अवगत कराया।
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को भी अंबाला एयरबेस की ओर जाने वाले रास्तों से दूर रखा गया। जगह-जगह बैरिकेड्स लगाकर पुलिस ने रास्ते रोक रखे थे। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्हें भारतीय वायुसेना अधिकारियों से स्टेशन के करीब किसी को भी न आने देने और राफेल विमानों के आगमन के समय कोई भी ड्रोन न उड़ाए जाने के निर्देश मिले हैं। चंडीगढ़ में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने मीडिया से कहा कि हम समझते हैं कि राफेल का भारत आना राष्ट्रीय महत्व की घटना है लेकिन एयरबेस के अन्दर जाने की इजाजत देने के बजाय राफेल के आगमन की तस्वीरें और वीडियो आप सभी को उपलब्ध कराए जाएंगे। वायुसेना के सामने सबसे पहली प्राथमिकता राफेल की सुरक्षित लैंडिंग कराने की रही है, इसलिए फिलहाल मीडिया को दूर रखा गया।
वायुसेना के सूत्रों ने बताया कि अंबाला के एयरबेस पर पहुंचे राफेल विमानों को ऑपरेशनल बनाने और सुरक्षा के मद्देनजर जल्द ही यहां से दूसरे एयरबेस रवाना किए जाने की भी योजना है। राफेल के लिए बनाई गई 17 स्क्वाड्रन ‘गोल्डन एरोज’ का कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कमांडर हरकीरत सिंह को बनाया गया है। उनके साथ विंग कमांडर एमके सिंह और विंग कमांडर आर कटारिया भी पायलट दल में शामिल हैं। फ्रांस से इन लड़ाकू विमानों की आपूर्ति कोरोना की वजह से लगभग दो माह देरी से हुई है। फिर भी फ्रांस ने ‘दोस्ती का हाथ’ बढ़ाकर यह लड़ाकू विमान ऐसे समय में भारत को दिए हैं, जब पूर्वी लद्दाख में सीमा के मुद्दे पर चीन के साथ गतिरोध चल रहा है। वायुसेना के प्रवक्ता ने कहा, ”वायुसेना के पायलट्स और क्रू की फ्रांस में राफेल फाइटर जेट्स और उसके हथियारों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है, इसलिए इन राफेल विमानों को जल्द से चीन सीमा पर ऑपरेशनली तैनात कर दिया जाएगा।