उप मुख्यमंत्री केशव के निर्देश, निर्माण कार्य धरातल पर नजर आने चाहिए
समय सीमा निर्धारित कर शीघ्र पूरे किए जाएं सभी निर्माण कार्य: केशव मौर्य
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि निर्माणाधीन परियोजनाओं व सड़कों के निर्माण कार्य समय सीमा निर्धारित करते हुए उन्हें शीघ्र पूरा किया जाये। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य धरातल पर दिखने चाहिए।
उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य मंगलवार देर शाम राजधानी स्थित अपने सरकारी आवास सात कालिदास मार्ग पर लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कार्यों का साइट पर लगातार निरीक्षण किया जाए और वहां कोरोना के दृष्टिगत निर्धारित प्रोटोकॉल का परिपालन भी सुनिश्चित कराया जाए ।
श्री मौर्य ने निर्देश दिए की नाबार्ड योजना के अंतर्गत सभी कार्य अक्टूबर 2021 तक अनिवार्य रूप से पूरे करा लिए जाएं। जहां पर आरओबी बने हैं और बड़े बाजार हैं या घनी बस्ती है, वहां पर अंडर पास या फाटक बनवाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इस कार्य हेतु उन्होंने दस दिन के अंदर सर्वे कार्य भी अनिवार्य रूप से पूरा कराने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए उच्च स्थान प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों के घरों तक पद्म भूषण मेजर ध्यानचंद पथ के नाम से सड़कों के निर्माण व मरम्मत की अभिनव योजना प्रदेश में लागू की गई है। इस योजना में चयनित 19 खिलाड़ियों के घरों तक सड़कों के निर्माण का शिलान्यास मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस 29 अगस्त की पूर्व संध्या पर कराया जाए तथा जिन जिलों के खिलाड़ी हैं, उन जिलो में आयोजित कार्यक्रमों में खिलाड़ियों व जनप्रतिनिधियो को भी आमंत्रित किया जाए ।
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि भारत रत्न विश्वेश्वरैया के जन्मदिन 15 सितंबर को इंजीनियर्स डे का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर लोक निर्माण विभाग मुख्यालय पर विश्वेश्वरैया द्वार के शिलान्यास व पार्किंग के शिलान्यास की तैयारी पूरी की जाए। लोक निर्माण विभाग, राजकीय निर्माण निगम तथा सेतु निगम द्वारा वर्तमान सरकार में कराए गए कार्यों को एलईडी के माध्यम से मुख्यालय पर प्रदर्शित कराने का भी उन्होंने निर्देश जारी किया।
श्री मौर्य ने कहा कि विभाग द्वारा जो कार्य वर्तमान शासन काल में किए गए हैं उनकी विधानसभा वार पुस्तकें तैयार कराई जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि नगर विकास विभाग की जो सड़कें लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित हो रही हैं, उनकी मरम्मत आदि के लिए धनराशि नगर विकास विभाग से ली जाए। विभाग के जर्जर निरीक्षण भवनों की मरम्मत कराने को कहा। यह भी निर्देश दिया कि बांस-बल्ली के सहारे जो पुल बना लिया जाते हैं, उनका सर्वे कराकर सभी पुराने और जर्जर पुलों को दुरुस्त कराया जाए ।
विभाग में पदोन्नति, विभागीय कार्यवाही व जांच आदि के संबंध में जो प्रकरण लंबित हो उनके नियमानुसार शीघ्र निस्तारण के निर्देश भी उप मुख्यमंत्री ने दिए। यह भी कहा कि अधिकारियों व कर्मचारियों के जो देय लंबित हों, उन्हें भी नियमों का पालन करते हुए तत्काल भुगतान करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
श्री मौर्य ने बताया लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम व राजकीय निर्माण निगम द्वारा वर्तमान में 45870.85 करोड़ रुपये की लागत के कुल 17155 कार्य प्रदेश में चल रहे हैं, जिन पर 151458 श्रमिक कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पर्यावरण संरक्षण, संवर्धन व संतुलन के दृष्टिकोण से लोक निर्माण विभाग द्वारा संचालित हर्बल रोड योजना के अंतर्गत इस वर्ष प्रदेश के सभी जिलों के 175 खंडों में हर्बल मार्गों का चयन करते हुए 882 किलोमीटर लंबाई में 29829 हर्बल पौधों का रोपण किया गया है।
समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव ,लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण, सचिव लोक निर्माण विभाग, रंजनकुमार, विभागाध्यक्ष राजपाल सिंह, मुख्य अभियंता लोक निर्माण मुख्यालय-1, अशोक कुमार अग्रवाल, विशेष कार्याधिकारी प्रदीप कुमार सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।