अक्षय ऊर्जा दिवस पर उप विस अध्यक्ष बोले, वातावरण प्रदूषण रहित बनाने का लें संकल्प
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने अक्षय ऊर्जा दिवस पर पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों से वातावरण को प्रदूषित नहीं करने का संकल्प लेने को कहा है।
उन्होंने गुरुवार को ट्वीट किया कि उन्नत भविष्य हेतु पर्यावरण का संरक्षण जरुरी है और यह तभी संभव है जब हम अक्षय ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का प्रयोग करें। इसलिए अक्षय ऊर्जा दिवस के अवसर पर हम संकल्प लें की देश का वातावरण प्रदूषण रहित बनायेंगे और दैनिक जीवन में ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग करेंगे।
प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि अक्षय ऊर्जा दिवस के शुभ अवसर पर देश को सतत विकास के मार्ग पर आगे बढ़ते रहने हेतु वैकल्पिक ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों को उपयोग में लाते हुए पारम्परिक ऊर्जा संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध रहें।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया कि अक्षय ऊर्जा भविष्य की जरूरत है। अक्षय ऊर्जा दिवस पर हम सभी अधिक से अधिक अक्षय ऊर्जा के उपयोग का संकल्प लें। यह ऊर्जा प्रदूषण रहित है जिसका पुनर्भरण हो सकता है और यह नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत ही मानव की जरूरतों को पूरा करने में लंबी अवधि तक सहयोगी होंगे।
नवीकरण ऊर्जा के विकास को लेकर वर्ष 2004 से हर साल 20 अगस्त को अक्षय ऊर्जा दिवस मनाया जाता है। प्रदेश के अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के मुताबिक राज्य के विकास के साथ–साथ ऊर्जा की मांग में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। ऊर्जा के परम्परागत स्त्रोत सीमित होने तथा उनके दोहन से पर्यावरणीय प्रदूषण बढ़ने के मद्देनजर प्रदेश सरकार नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों पर आधारित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने तथा इसके प्रचार–प्रसार को उच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है।
प्रदेश में उपलब्ध अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, लघु जल विद्युत एवं बायोमास पर आधारित विद्युत उत्पादन की क्षमता के विकास के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन के लिये विभिन्न क्षमताओं के सोलर पावन प्लाण्ट स्थापित किये जा रहे हैं। प्रदेश की चीनी मिलों में को–जनरेशन तथा धान की भूसी आदि बायोमास पर आधारित विद्युत उत्पादन परियोजनाओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त निजी उधमियों के सहयोग से लघु जल विद्युत परियोजनाओं को कार्यान्वित कराया जा रहा है।
प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा के उपयोग की व्यापक सम्भावनाअें के मद्देनजर विशेष योजनाएं लागू की जा रही हैं। अविद्युतीकृत अथवा विद्युत आपूर्ति की समस्या से ग्रस्त ग्रामों में रिमोट ग्राम विद्युतीकरण अथवा मिनी–ग्रिड सोलर पावर प्लान्ट की योजनायें ली जा रही हैं। चयनित ग्रामों में सामुदायिक मार्ग प्रकाश की सुविधा के लिए सोलर स्ट्रीय लाइट संयंत्रों की स्थापना की जा रही है।