अंजुमन फेदाए अबुल फ़ज़लिल अब्बास के ज़ेरे निगरानी हुआ महफ़िल ए वफ़ा का आयोजन
पूरी रात चली महफ़िल में अंत तक जमे रहे श्रोता
डुमरियागंज सिद्धार्थनगर। तहसील क्षेत्र के उपनगर हल्लौर स्थित दरगाह हज़रत अब्बास अ०स० में मंगलवार शाम अंजुमन फेदाए अबुल फ़ज़लिल अब्बास के ज़ेरे निगरानी महफ़िल ए वफ़ा का 37वें दौर का आयोजन किया गया। जिसमें बैरूनी व मुकामी शायरों ने बेताब हल्लौरी के मिसरे तरह “अली के घर अली की बोलती तसवीर आती है” पर अपने अपने कलाम पेशकर खूब वाहवाही बटोरी। इस दौरान भारी संख्या में अकीदतमंद मौजूद रहे।
महफ़िल ए वफ़ा की शुरुआत अब्बास अली मास्टर के तिलावते कलाम पाक से हुआ। तत्पश्चात अम्बर मेंहदी ने नात ए पाक पेश किया। इसके बाद बाद बकायदा तौर पर महफ़िल शुरू हुई। निज़ामत के फ़रायज़ को अफसर हल्लौरी व मुंतज़िर फतेहपुरी ने शुरुआती दौर में एक से बढकर एक कलाम पेश कर महफ़िल को उरूज पर पहुँचाया। इसके बाद बैरूनी शायर अता हैदराबादी, साग़र बनारसी, रुस्तम इलाहाबादी, अली शब्बर नौंगांवी, इमरान उतरौलवी, वसी अब्बास के अलावा मुकामी शायर शमशाद हल्लौरी, अफसर हल्लौरी, हसन जमाल, खुर्शीद ज़फर, मुमताज़, लकी, नफ़ीस हल्लौरी, मीसम, साबिर, हानी, फरहान, कामयाब, अज़ीम सज्जादी, आले रज़ा, शादाब, अम्मार, अर्श क़मर, फ़रहान ने अपना अपना कलाम पढ़कर वाहवाही बटोरी। महफ़िल की सदारत कर रहे इमाम जुमा हल्लौर मौलाना मोहम्मद अब्बास शारिब ने कहा कि कर्बला वालो की उम्मीद और ढाढस का नाम अब्बास है अब्बास अस उस जात का नाम है जिसके ऊपर अहलेबैत व अतहार भी भरोसा करते थे। अगर हम भरोसा करें तो क्यों बड़ी बात और अगर हम भरोसा न करें तो ये हमारी कम जरफी है इसलिए अब्बास अलैहिस्सलाम ही वह ज़ात है जिसके लिए ये कहा जाता था कि एक तरफ से हम होंगे और एक तरफ से चाचा अब्बास तो जंग का माहौल ही बदल जायेगा जिसकी तारीफ इमाम मासूम ने की है। वही तकरीर करते हुए ज़ाकिरे अहलेबैत जमाल हैदर करबलाई ने हज़रत अब्बास अलमदार की जिंदगी पर विस्तार से रोशनी डाली। अंत मे अंजुमन के सदर व सिकरेट्री ने आये हुए शायरों का शुक्रिया अदा किया। महफिल में पढ़ने वाले शायरों व मौलाना, ज़ाकिर को बराये इसाले सवाब अहमद सुहेल का हदिया एजाज़ अहमद मल्ले ने पेश किया। इस मौके पर वज़ीहुल हसन, हसन ताक़ीब रिज़्वी, अहसन मेंहदी, शमशाद हैदर, केआर खुशतर, अकबर मेंहदी, तसकीन हैदर, इन्तेज़ार हुसैन शबाब, काज़िम रज़ा, महफूज़ मैक्स, मंटू, शिबू लारा, जानशीन,कमर ज्ञान सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
मोहम्मद शाहिद रिपोर्ट