अंग्रेजों के जमाने का गोविन्दपुरी स्टेशन बनने जा रहा टर्मिनल

– चार साल पहले घोषित किया गया था उत्तर प्रदेश का पहला महिला स्टेशन

कानपुर(हि.स.)। अंग्रेजों के जमाने का दिल्ली हावड़ा रुट का गोविन्दपुरी स्टेशन अब टर्मिनल की ओर कदम बढ़ा रहा है। चार साल पहले अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर इस स्टेशन को उत्तर प्रदेश का पहला महिला स्टेशन घोषित किया गया था, क्योंकि स्टेशन पर सभी कर्मचारी महिलाओं को रखा गया था। अगर सब कुछ सही रहा तो जल्द ही गोविन्दपुरी स्टेशन टर्मिनल के रुप में तब्दील हो जाएगा और राजधानी से लेकर शताब्दी ट्रेनों का ठहराव हो जाएगा।

गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को टर्मिनल स्टेशन का दर्जा देने की तैयारी की जा रही है। इस स्टेशन को टर्मिनल के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव वर्ष 2016 में पास हुआ था।टर्मिनल स्टेशन बनने से सेंट्रल स्टेशन पर ट्रेनों का लोड कम होगा और कई ट्रेनों का संचालन गोविंदपुरी स्टेशन से किया जा सकेगा। टर्मिनल स्टेशन बनने से सेंट्रल स्टेशन पर यात्रियों की संख्या में भी कमी आएगी। उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक प्रमोद कुमार चार मार्च को गोविंदपुर सबस्टेशन पर यात्री सुविधाओं को देखेंगे। संतुष्ट होने पर गोविंदपुरी को टर्मिनल स्टेशन का दर्जा दिए जाने की आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। गोविंदपुरी स्टेशन को टर्मिनल का दर्जा मिलने के बाद दिल्ली-हावड़ा रूट की कुछ ट्रेनों को गोविंदपुरी स्टेशन से निकाला जाएगा। यात्रियों को सेंट्रल स्टेशन जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सभी ट्रेनों का ठहराव गोविंदपुरी स्टेशन पर होगा। यहां पर सुविधाएं पूरी होने के बाद में गोविंदपुरी को टर्मिनल स्टेशन का दर्जा दिया जाएगा। डिप्टी सीटीएम हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि चार मार्च को उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक प्रमोद कुमार आ रहे हैं और निरीक्षण के बाद ही गोविन्दपुरी को टर्मिनल बनाने पर हरी झण्डी मिलेगी।

इन सुविधाओं का होना है जरुरी

बताया जा रहा है कि पर्याप्त शौचालय, एटीएम, खानपान की व्यवस्था, इंटरनेट, बुजुर्ग व विकलांग यात्रियों को स्टेशन तक पहुंचाने की व्यवस्था। पेयजल की व्यवस्था। एक प्लेटफार्म से दूसरे तक जाने की सुविधा आदि होनी चाहिये।

मिला था महिला स्टेशन का दर्जा

चार साल पहले 2018 को अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर गोविन्दपुरी को महिला स्टेशन का दर्जा दिया गया और सभी पदों पर महिलाओं को तैनात किया गया था। बताया गया था कि यह उत्तर प्रदेश का पहला रेलवे स्टेशन है जिस पर शत प्रतिशत महिलाएं कर्मचारी हैं और इस स्टेशन को महिला स्टेशन के नाम से भी जाना जाने लगा। इस स्टेशन का निर्माण अंग्रेजों के जमाने में 1921 में किया गया था।

महमूद

error: Content is protected !!