सभी बांधों पर निगरानी रखने के साथ आवश्यक रिपेयर सामग्री की जाए उपलब्ध : योगी आदित्यनाथ
-वर्तमान में 16 जनपदों के 1,034 गांव बाढ़ से प्रभावित
-शारदा, सरयू व राप्ती अभी भी खतरे के जलस्तर से ऊपर
लखनऊ। प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने शनिवार को यहां लोक भवन में बाढ़ की ताजा स्थिति को लेकर बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि बाढ़ राहत कार्यों को शीर्ष प्राथमिकता पर किया जाए। प्रदेश के सभी बांधों पर निगरानी होती रहे तथा आवश्यक रिपेयर सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि किसी प्रकार की क्षति को होने के पूर्व ही उसे रोका जा सके।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है।वर्तमान में प्रदेश के 16 जनपद अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रुखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, संतकबीरनगर तथा सीतापुर के 1,084 गांवों बाढ़ से प्रभावित हैं। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), शारदा बैराज (लखीमपुरखीरी), राप्ती नदी राप्ती बैराज (श्रावस्ती) सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), (अयोध्या) तथा तुर्तीपार (बलिया) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है।
प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की 15 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी की 07 टीमों को मिलाकर इस प्रकार कुल 22 टीमें तैनाती की गयी हैं। 1,063 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी हैं।
श्री गोयल ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 1,17,597 खाद्यान्न किट व 2,39,736 मी. तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 288 मेडिकल टीम लगायी गयी है। बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी है।
प्रदेश में 396 पशु शिविर स्थापित किये गये हैं तथा 6,79,923 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 3,622 कुंतल भूसा वितरित किया गया है।