शहीद सीओ देवेन्द्र मिश्रा के वायरल पत्र में फंसा हस्ताक्षर का पेंच

– आईजी लक्ष्मी सिंह ने पत्र को बताया था सही, शासन को भेजी थी रिपोर्ट
कानपुर(एजेंसी)। बिकरु कांड में शहीद हुए सीओ देवेन्द्र मिश्रा के वायरल पत्र का जिन्न एक बार फिर सामने आ गया। अब बताया जा रहा है कि वायरल पत्र में किये गये हस्ताक्षर का मिलान सीओ के अन्य दस्तावेजों में किये गये हस्ताक्षरों से मिलान नहीं खाता है। इसकी बकायदा अब पुलिस विभाग में जांच शुरु हो गयी है, लेकिन सवाल उठता है कि जब लखनऊ की आईजी लक्ष्मी सिंह वायरल पत्र को सही पाया था और शासन को रिपोर्ट सौंपी थी तब क्या इस बिन्दु पर गौर नहीं किया गया। जबकि इस पत्र को शहीद की बेटी ने खुद वायरल किया था। 
चौबेपुर के बिकरु गांव में दो जुलाई की रात्रि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके गुर्गों की फायरिंग में बिल्हौर सीओ देवेन्द्र मिश्रा समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गये थे। इसके बाद शहीद सीओ का एक पत्र वायरल हुआ और इस पत्र को शहीद सीओ की बेटी ने वायरल किया था। बेटी ने बताया था कि यह पत्र पापा के मोबाइल पर था। यह पत्र तत्कालीन एसएसपी अनंत देव के नाम था, जिसमें लिखा गया था कि चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी और हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के अच्छे संबंध हैं और किसी बड़ी अनहोनी की घटना घट सकती है। वायरल पत्र को पहले फर्जी बताया गया और कहा गया कि एसएसपी ऑफिस में ऐसा कोई पत्र नहीं आया। मामला तब तूल पकड़ा तो शासन ने संज्ञान लिया और लखनऊ की आईजी लक्ष्मी सिंह को जांच के लिए भेजा। आईजी लक्ष्मी सिंह ने पत्र को सही पाया और शासन को रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद अब इस वायरल पत्र में नया मोड़ हस्ताक्षर को लेकर आ गया। बताया जा रहा है कि वायरल पत्र में शहीद सीओ के हस्ताक्षर का मिलान नहीं हो रहा है और जांच शुरु कर दी गयी है। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि सीओ कार्यालय के पुलिस कर्मियों की इसमें भूमिका हो सकती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठता है कि वायरल पत्र को शहीद की बेटी ने वायरल किया था और कहा था कि पापा के मोबाइल में पत्र था तो सीओ कार्यालय के पुलिस कर्मी कैसे हस्ताक्षर पर खेल कर सकते हैं। कुछ भी हो अब तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा, फिलहाल शहीद सीओ का पत्र एक बार फिर चर्चा में आ गया है। एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने मंगलवार को बताया कि पत्र की जांच चल रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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