योगी सरकार पराली जलाने से रोकने को एनसीसी, एनएसएस और स्काउट-गाइड की लेगी मदद

-अभियान चलाकर जागरूक करने का होगा कार्य, सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी  

लखनऊ (हि.स.)। योगी सरकार ने फसल अवशेष, कूड़ा या अन्य अवशेष न जलाने के प्रति जनता के बीच जागरूकता अभियान चलाने के लिए जनपद में स्थित एनसीसी,एनएसएस तथा भारत स्काउट एवं गाइड की सेवाएं लिए जाने के निर्देश दिए हैं। इसमें कहा गया है कि इसके लिए जनपद में स्थित इन संस्थाओं के जनपद स्तरीय प्रमुख एवं संयोजक के साथ बैठक आयोजित कर रणनीति तैयार कर ली जाए। 
सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि जनपद में स्थित समस्त प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा के विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में शिक्षारत विद्यार्थियों व अन्य स्वयंसेवकों का सहयोग लिया जाए। अपर मुख्य सचिव, कृषि, डॉ. देवेश चतुर्वेदी के मुताबिक इस संबंध में कृषि विभाग ने आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जारी निर्देशों में इन संस्थाओं के वॉलिंटियर्स द्वारा अपने गांव के निवासियों को पराली जलाने से हो रहे नुकसान, बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण स्वास्थ्य को हो रहे नुकसान तथा पराली जलाने से मृदा को हो रहे नुकसान तथा इसके कारण कोरोना इलाज में आने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराये जाने के निर्देश दिए गए हैं। 
उन्होंने बताया कि यदि वॉलिंटियर्स के समझाने के उपरांत भी किसी व्यक्ति द्वारा पराली व कूड़ा जलाया जाता है, तो इसकी सूचना जिले में स्थापित राजस्व विभाग के कंट्रोल रूम को दी जाए। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से भी छात्रों के मध्य संदेश प्रसारित किया जाए, जिससे वह अपने क्षेत्र में किसानों को पराली प्रबंधन हेतु जागरूक कर सकें। 
जनपद में स्थित समस्त विभागों के प्रचार वाहनों का उपयोग कर पराली प्रबंधन एवं फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण एवं स्वास्थ्य को हो रहे नुकसान, कोरोना संकटकाल में कोरोना के मरीजों पर इसके दुष्प्रभाव तथा स्वास्थ्य के नुकसान के बारे में जागरूक किया जाए।
डॉ. चतुर्वेदी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ नगरीय क्षेत्र में भी कूड़ा जलाने एवं अन्य अपशिष्ट जलाने की घटनाओं से प्रदूषण बढ़ रहा है। इस कार्य में भी एनसीसी एनएसएस एवं भारत स्काउट व गाइड के स्वयंसेवकों की सहायता ली जाए। 
स्वयंसेवकों का कार्य पराली अथवा कूड़ा आदि न जलाने के संदेश को जनसामान्य तक पहुंचाने हेतु प्रचार-प्रसार करना, लोगों को प्रेरित करना और समझाना है। स्वयंसेवकों को किसी प्रकार की कठिनाई एवं सूचना आदान-प्रदान के लिए जिले में स्थापित कंट्रोल रूम से संपर्क करना होगा। 

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