योगी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान गन्ना किसानों को कराया 6,000 करोड़ का मूल्य भुगतान

लखनऊ। प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा ने बताया कि पेराई सत्र 2019-20 में प्रदेश की 119 चीनी मिलों द्वारा 11,180 लाख कुन्तल गन्ने की रिकॉर्ड पेराई की गयी है तथा लॉकडाउन अवधि के दौरान चीनी की बिक्री नगण्य होने के बावजूद भीवर्तमान सरकार द्वारा 45 दिनों की बन्दी की अवधि के दौरान लगभग 6,000 करोड़ का गन्ना मूल्य भुगतान किसानों को कराया गया। वर्तमान सरकार द्वारा प्रदेश के गन्ना किसानों को अब तक 1,05,399 करोड़ का रिकॉर्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया है।

इसके अतिरिक्त 205 खाण्डसारी इकाइयां तथा 5,627 कोल्हू संचालित रहे, जिनके द्वारा लगभग 801.31 लाख कुन्तल गन्ने की पेराई की गयी। प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नई ऑनलाइन खाण्डसारी लाईसेंसिंग नीति के अन्तर्गत अब तक 165 लाइसेंस निर्गत किये गये हैं, जिनमें से 56 इकाइयों का संचालन अब तक हो चुका है। 
गन्ना मंत्री ने गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से गन्ना मूल्य भुगतान, खाण्डसारी इकाईयों के संचालन एवं आगामी पेराई सत्र के लिए चीनी मिलों के रिपेयर-मेंटेनेंस प्रगति आदि की समीक्षा के दौरान यह निर्देश भी दिये कि खाण्डसारी इकाइयां व क्रेशर गन्ना किसानों के अतिरिक्त गन्ने की समय से आपूर्ति का विकल्प है। इसलिए नवीन जारी लाइसेंसों के अधीन स्थापित होने वाली इकाइयों का निरीक्षण करा लिया जाये व आगामी पेराई सत्र में अधिकांश इकाईयों का संचालन सुनिश्चित कराया जाय।  
गन्ना मंत्री द्वारा गन्ना मूल्य भुगतान की समीक्षा करते हुये सभी चीनी मिलों को यह निर्देश दिये गये कि आगामी पेराई सत्र का प्रारम्भ सन्निकट होने के दृष्टिगत बकाया गन्ना मूल्य का शत-प्रतिशत भुगतान शीघ्र सुनिश्चित करें। सर्वाधिक बकाया वाले चीनी मिलसमूहों विशेषकर बजाज, मोदी, सिम्भावली एवं यदु समूह की चीनी मिलों को सख्त निर्देश दिये गये कि वे गन्ना किसानों को बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान की तत्काल व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। यदि उनके द्वारा भुगतान की त्वरित व्यवस्था नहीं की जाती है तो उनके विरुद्ध नियमानुसार सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। किसानों के गन्ना मूल्य के भुगतान में विलम्ब किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। 
इसके अतिरिक्त समीक्षा बैठक में चीनी मिलों के रिपेयर-मेंटेनेंस कार्यों को समय से पूर्ण कराने के निर्देश भी दिये गये, जिससे कि आगामी पेराई सत्र में चीनी मिलों के समय से संचालन में की व्यवधान न हो।

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