बाढ़ से फसलों को हुई क्षति का तत्काल कराएं सर्वे, दिया जाए अनुदान-योगी आदित्यनाथ
-वर्तमान में 19 जनपदों के 922 गांव बाढ़ से प्रभावित
लखनऊ। प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने बुधवार को यहां लोक भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिये है कि बाढ़ से कृषि फसलों को हुई क्षति का सर्वे तत्काल करा लिया जाए तथा जिन किसानों की फसलें बाढ़ के कारण नष्ट हुई हैं, उनको शीघ्र कृषि निवेश अनुदान प्रदान किया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि बाढ़ शरणालय में रह रहे लोगों के लिए शारीरिक दूरी के उचित नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ ही भोजन आदि की गुणवत्ता पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। इसके अतिरिक्त बाढ़ शरणालय के साथ ही पशु शरणालय भी बनाए जाएं तथा वहां चारे इत्यादि की उचित व्यवस्था की जाए ताकि बाढ़ से विस्थापित पशुओं की उचित देखभाल करने के भी निर्देश दिए।
राहत आयुक्त ने बाढ़ की ताजा स्थिति के बारें में बताया कि बाढ़ प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की 12 टीमें तथा एसडीआरएफ व पीएसी की 17 टीमों को मिलाकर कुल 29 टीमें तैनाती की गयी है। 837 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। अब तक राहत सामग्री के अन्तर्गत 1,51,505 खाद्यान्न किट व 2,79,588 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 318 मेडिकल टीम लगायी गयी है।
राहत आयुक्त ने बताया कि बाढ़ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 19 जनपद अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रुखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कासगंज, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, पीलीभीत, संतकबीरनगर, शाहजहांपुर तथा सीतापुर) के 922 गांवों बाढ़ से प्रभावित है।
शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी), (अयोध्या) तथा तुर्तीपार (बलिया) में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है।
प्रदेश में 465 पशु शिविर स्थापित किये गये हैं तथा 6,94,107 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4,590 कुंतल भूसा वितरित किया गया है।