पहले पति ने छोड़ा तो दूसरे ने उतार दिया मौत के घाट
पत्थर से कुचलकर दिया घटना को अंजाम,10 साल की बेटी हुई बेसहारा
झांसी। प्रेमनगर थाना क्षेत्र में एक महिला की पत्थर से कुचल कर हत्या कर दी गई। पहले पति से विवाद के बाद महिला दूसरे के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही थी। हत्या का आरोप उसके दूसरे तथाकथित पति पर है। इसकी जानकारी मृतका की 10 वर्षीय बेटी ने पुलिस के सामने दी। घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने मृतका के शव का पंचनामा भरकार उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
रविवार की सुबह पुलिस को सूचना मिली की बुद्ध बिहार मोहल्ले में रहने वाले हरिकिशन की किराएदार नसरीन की हत्या हो गई है। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मौके का मुआयना किया। बताया गया कि जालौन निवासी 35 वर्षीय नसरीन अपने पति इकबाल के साथ 10 साल पहले अच्छी तरह अपना जीवन व्यतीत कर रही थी। इकबाल से नसरीन को एक लड़की भी हुई। सब कुछ ठीक चल रहा था। इसी बीच किसी बात को लेकर इकबाल और नसरीन के बीच मतभेद हुआ और कुछ साल पहले नसरीन और इकबाल अलग अलग हो गए। नसरीन अपनी लड़की के साथ हरिकिशन के मकान में किराए से रहने लगी और जीवन यापन करने के लिए मजदूरी करने लगी। इसी दौरान नसरीन की मुलाकात दतिया निवासी बलवीर के साथ हुई बलवीर और नसरीन के बीच मुलाकात प्यार में तब्दील हो गई। बिना किसी विवाह के बलवीर भी नसरीन के साथ उसी घर में रहने लगा। दोनों पति-पत्नी की तरह मोहल्ले में जाने जाते थे, लेकिन बलवीर का शराब पीने का शौक नसरीन की मौत का कारण बन गया।
नसरीन की 10 वर्षीय बेटी आफिया ने पुलिस को बताया कि शनिवार की रात बलबीर और नसरीन के बीच काफी झगड़ा हुआ था। इसके बाद नसरीन ने बलबीर का बैग और अन्य सामान निकाल कर बाहर फेंक दिए। छत पर नसरीन और उसकी बेटी सो गई थी। रविवार की सुबह जब बेटी की आंख खुली तो उसने देखा नसरीन की बलबीर ने पत्थर पटक कर हत्या कर दी है और मौके से फरार हो गया। इस बात की जानकारी मकान मालिक को दी गई। मकान मालिक ने मामले की सूचना पुलिस को दी।
बोले सीओ,मुकद्मा दर्ज,जल्द ही गिरफ्त में होगा आरोपित
इस मामले में सीओ सदर हिमांशु गौरव ने बताया कि प्रेम नगर थाना पुलिस ने हरिकिशन की शिकायत पर बलबीर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। बलवीर की तलाश की जा रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके साथ ही दिल्ली में रह रहे नसरीन के भाई और परिजनों को सूचना दी गई है। हालांकि समाचार लिखे जाने तक मृतका का परिवार दिल्ली से झांसी नहीं पहुंच सका था।