छात्रों की चार महीने की फीस माफ करने की मांग को लेकर कांग्रेस का प्रदर्शन शुक्रवार को

-सभी जनपदों में सौंपे जाएंगे राज्यपाल को सम्बोधित छहसूत्री ज्ञापन 

लखनऊ। कोरोना संक्रमण काल में अभिभावकों की खराब आर्थिक स्थिति के मद्देनजर कांग्रेस 07 अगस्त को पूरे प्रदेश में जिलाधिकारी कार्यालयों पर प्रदर्शन कर राज्यपाल को सम्बोधित छहसूत्री मांगपत्र सौंपेगी।

पार्टी प्रवक्ता अशोक सिंह ने बताया कि विगत चार महीने से वैश्विक महामारी कोरेाना के चलते रोजगार में प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के कारण लाखों मध्यम आय वर्ग के अभिभावकों को अपने बच्चों की फीस जमा कराने में दिक्कत हो रही है। इसी तरह समस्त न्यायालयों में कार्य बंद होने के कारण अधिवक्ताओं की आमदनी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और मध्यम आय वर्ग काफी मुश्किलों का सामना कर रहा है। इसके मद्दनेजर प्रदेश  अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के निर्देश पर कल शुक्रवार को जिला एवं शहर इकाइयों द्वारा प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से छहसूत्री मांगपत्र प्रदेश के राज्यपाल को दिया जायेगा।
प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि राज्य स्तरीय होने वाले इस आन्दोलन की मांगों में प्रदेश में संचालित यूपी बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड, आईसीएसई बोर्ड एवं अन्य बोर्डों के छात्रों की विगत चार माह की फीस माफ करने की मांग की जाएगी। इसके साथ ही इन शिक्षण संस्थानों में कार्यरत मान्यता-गैर मान्यता प्राप्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को सरकार से कम से कम 8 हजार रुपये प्रतिमाह सहायता प्रदान करने, नए साल की पाठ्य पुस्तकों में बदलाव करने, बच्चों की ड्रेस बार-बार न बदलने की मांग की जाएगी।
प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में स्थित विभिन्न न्यायालयों में लाखों की संख्या में प्रेक्टिस कर रहे वकीलों की आमदनी इस कोविड-19 महामारी में लाकडाउन के चलते नगण्य हो गयी। ऐसे में उन्हें सरकार द्वारा कम से 10 हजार रुपये महीने के हिसाब से सहयोग राशि मानदेय के रूप में प्रदान करने तथा मध्यम वर्ग के वह परिवार जिन्हें न तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिला है न ही सरकार की अन्य पेंशन आदि योजनाओं का लाभ मिला है और उनकी वार्षिक आमदनी दो लाख रुपये से कम है। ऐसे लोग जिन्होंने मकान, वाहन या अन्य बुनियादी जरूरतों के लिए लोन ले रखा है, उनकी चार महीने की ईएमआई या मनरेगा मजदूरों के मानदेय के बराबर 20 हजार रुपये तक की रकम माफ करके उनको इस कोविड-19 महामारी में आयी बेकारी से सरकार द्वारा राहत दिलाये जाने की मांग की जाएगी।

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