कोरोना काल में आयुष्मान योजना से ढाई हजार परिवारों को मिला जीवनदान

जानकी शरण द्विवेदी

गोण्डा। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते जहां एक ओर लोगों को आर्थिक, सामाजिक एवं मानसिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर जिले के दूरदराज इलाकों में निवास करने वाले पिछड़े एवं कमजोर वर्ग के ऐसे तमाम परिवार हैं, जिनके लिए संकट की इस घड़ी में अपने परिवार के किसी सदस्य का बड़े स्तर पर इलाज करा पाना पहांड़ तोड़ने के बराबर है। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार द्वारा चलायी गई विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत : प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ लोगों के वरदान साबित हुई है, जिसके तहत कोरोना काल में जिले के 2465 पिछड़े एवं कमजोर वर्ग के परिवारों को इस योजना के तहत निःशुल्क इलाज लाभ मिला है।
आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के जनपदीय नोडल अधिकारी डॉ संदीप कुमार तिवारी का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत कैंसर व हृदय रोग सहित 1450 किस्म की बीमारियों का इलाज निःशुल्क कराया जा सकता है। योजना का लाभ लेने हेतु परिवार के लोगों की संख्या या उम्र की बाध्यता नहीं है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना में सामाजिक, आर्थिक व जातिगत जनगणना 2011 के आधार पर जनपद के 2,05,735 परिवार चिन्हित किये गए हैं, जिनमें से 1,41,665 परिवारों के गोल्डन कार्ड बनाये जा चुके है। लॉकडाउन के दौरान जिले में दूसरे राज्यों एवं प्रान्तों से आने वाले 793 प्रवासियों को आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के लाभार्थी के रूप में आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से चिन्हित किया गया, जिनमें से अब तक 274 प्रवासियों का गोल्डन कार्ड बनाया जा चुका है। लोगों को त्वरित एवं आसानी से इलाज की सुविधा मिल सके। इसके लिए जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को योजना से सम्बद्ध कर दिया गया है। इससे दूर-दराज इलाकों में रहने वाले लाभार्थी परिवार अब अपने नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ही योजना के तहत निःशुल्क इलाज का लाभ ले सकते हैं। जिला सूचना प्रणाली प्रबंधक अंकित श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना काल में जिले के 2465 लोगों को मुफ्त इलाज का लाभ मिला है। योजना के शुरुआत से अब तक कुल 9619 लोगों ने निःशुल्क इलाज का लाभ लिया है। उन्होंने बताया कि जिले में योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को मुफ्त में इलाज मुहैया कराने में अब तक लगभग साढ़े पांच करोड़ रुपये हुए खर्च हुए हैं। डिस्ट्रिक्ट ग्रेवियांश मैनेजर शिवांशु मिश्र ने बताया कि सरकारी निर्देशानुसार, आयुष्मान गोल्डन कार्डधारकों के लिए अस्पतालों में रजिस्ट्रेशन हेतु अलग से काउंटर बनाये गए हैं। इस काउंटर पर कार्ड दिखाते ही प्राथमिकता पर ओपीडी स्लिप निर्गत किये जाने और अगर लाभार्थी के पास गोल्डन कार्ड नहीं है तो उसे तत्काल बनाये जाने हेतु आरोग्य मित्रों को निर्देशित किया गया है। साथ ही लाभार्थी को एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन व पैथालॉजी जांच में भी वरीयता दिए जाने की बात कही गई है। उन्होंने बताया कि सम्बद्ध अस्पतालों में मरीजों के लिए अलग से वार्ड भी स्थापित किया गए हैं।

error: Content is protected !!