उप्र में डीएलएड प्रथम और तृतीय सेमेस्टर के प्रशिक्षु बगैर परीक्षा होंगे प्रमोट

अक्टूबर में होगी द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा : बेसिक शिक्षा मंत्री

लखनऊ।  कोरोना संक्रमण के चलते उत्तर प्रदेश में डीएलएड प्रथम और तृतीय सेमेस्टर के प्रशिक्षुओं को बगैर परीक्षा कक्षोन्नति (प्रमोट) किया जाएगा। वहीं द्वितीय व चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा कोरोना प्रोटोकाल के तहत अक्टूबर माह में सम्पन्न होगी। 
 प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने बुधवार को यहां बताया कि डीएलएड प्रशिक्षण वर्ष 2018 के तृतीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा हेतु अर्ह प्रशिक्षुओं की कुल संख्या 1,65,552 है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दृष्टिगत शारीरिक दूरी के पालन हेतु औसतन लगभग 300 छात्र प्रति केन्द्र के अनुसार 552 केन्द्रों पर 26 मार्च से परीक्षा प्रस्तावित थी। 
मंत्री ने बताया कि देश में व्याप्त कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुये परीक्षा कराया जाना सम्भव नहीं हो सका। ऐसे में प्रशिक्षण वर्ष 2018 के प्रथम एवं द्वितीय सेमेस्टर में समस्त विषयों में उत्तीर्ण छात्रों के औसत अंक के समान अंक प्रदान करते हुए, उनको तृतीय सेमेस्टर में कक्षोन्नति (प्रमोट) किया जाएगा। वहीं तृतीय सेमेस्टर में कक्षोन्नति प्राप्त प्रशिक्षुओं की चतुर्थ सेमेस्टर की प्रस्तावित परीक्षा अक्टूबर माह में कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों एवं शारीरिक दूरी तथा अन्य प्रोटोकाल का अनुपालन करते हुए किया जाएगा। 
डाॅ0 द्विवेदी ने यह भी बताया कि डीएलएड प्रशिक्षण वर्ष-2019 के प्रथम सेमेस्टर के प्रशिक्षुओं, जिनकी कुल संख्या-1,82,510 है, उनके परीक्षा आयोजन हेतु 300 छात्र प्रति केन्द्र के अनुसार 609 परीक्षा केन्द्रों पर 23 मार्च से परीक्षा प्रस्तावित थी। लेकिन कोरोना के चलते नहीं हो सकी। उन्होंने बताया कि इन छात्रों को भी शत-प्रतिशत कक्षोन्नति प्रदान की जाएगी तथा प्रथम सेमेस्टर में कक्षोन्नति प्राप्त प्रशिक्षुओं की द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा अक्टूबर में कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत आयोजित होगी। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षुओं के द्वितीय सेमेस्टर के प्राप्तांकों के औसत अंक ही उनके प्रथम सेमेस्टर के प्राप्तांक माने जायेंगे, जिसकी परीक्षाएं मार्च में प्रस्तावित थी। 

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