अयोध्या में मस्जिद का नक्शा पास करने से जिला पंचायत का इंकार
संवाददाता
अयोध्या। अयोध्या के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन पर प्रस्तावित मस्जिद का नक्शा पास करने से अयोध्या जिला पंचायत ने इंकार कर दिया है। जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी उमेश चन्द्र ने कहा कि वे उस जमीन पर बनने वाले अस्पताल व अन्य निर्माण कार्यों का नक्शा पास करने के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं परन्तु मस्जिद जैसे धार्मिक स्थल का नक्शा पास करने का उनके पास कोई अधिकार नहीं है। मस्जिद का नक्शा कहां से पास होगा, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से गठित ट्रस्ट इण्डो-इस्लामिक कल्चरल फाउण्डेशन के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने कहा कि मस्जिद के लिए जमीन तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही प्रदेश सरकार ने दी है। सरकार ने कुछ सोच-समझ कर ही यह फैसला लिया होगा। अब सरकार को ही यह तय करना है कि मस्जिद का नक्शा कहां से पास होगा। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट की ओर से नियुक्त कंसल्टेंट आर्किटेक्ट एस.एम. अख्तर से भी सलाह ली जाएगी कि आखिर मस्जिद का नक्शा पास कराने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए। एस.एम.अख्तर ने भी कहा कि चूंकि प्रदेश सरकार ने यह जमीन दी है, इसलिए उसे ही यह तय करना होगा कि मस्जिद का नक्शा कौन अधिकारी पास करेगा। उनका काम तो नक्शा बनाने का है। नक्शा पास कराने की जिम्मेदारी सुन्नी वक्फ बोर्ड के ट्रस्ट की ही बनती है। उन्होंने बताया कि नक्शा बनने में अभी दो महीने का वक्त लग सकता है और मस्जिद का डिजाइन पूरी तरह समकालीन और भविष्य को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। इसमें पुरानी वास्तुकला का समावेश नहीं होगा।
इस पूरे प्रकरण के बारे में विशेषज्ञ राय के लिए वरिष्ठ वास्तुविद और राजकीय निर्माण निगम के पूर्व मुख्य वास्तुकार के.कांत अस्थाना से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि रेग्युलेशन ऑफ बिल्डिंग आपरेशनल एक्ट में नक्शा पास करने के लिए दो तरह के निर्माण वर्गीकृत किए गए हैं। एक रेगुलेटेड एरिया में और दूसरे नान रेगुलेटेड एरिया में। अभी तक गांव में बनने वाले मकान, मंदिर-मस्जिद आदि के भवनों के लिए नक्शा पास करने के बारे में कोई नियमावली नहीं है। यह नान रेगुलेटेड एरिया माना जाता है। नान रेगुलेटेड एरिया में बगैर नक्शा पास कराए ही निर्माण हो जाते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश सरकार ने सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में मस्जिद बनाने के लिए जमीन दी है। जिला पंचायत नक्शा पास करने से मना कर रही है तो ऐसे में प्रदेश सरकार डीएम या कमिश्नर को आदेश देकर एडीएम या एसडीएम स्तर के किसी अधिकारी को सक्षम प्राधिकारी बना सकती है। उनके जरिए नक्शा पास हो सकता है।