UP News : सोमवती अमावस्या पर दस लाख श्रद्धालुओं ने लगाई कामदगिरि की परिक्रमा

 चित्रकूट (हि.स.)। भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में सोमवती अमावस्या के उपलक्ष्य पर देश भर से आये करीब दस लाख श्रद्धालुओं ने मन्दाकिनी में आस्था की डुबकी लगाने के बाद मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान श्री कामतानाथ के दर्शन -पूजन किया। इसके बाद कामदगिरि पर्वत की पंचकोसीय परिक्रमा लगाई। मेले को लेकर यूपी-एमपी प्रशासन पूरी तरह एलर्ट रहा। एसपी अंकित मित्तल ने स्वयं परिक्रमा लगा कर मेला व्यवस्था का गहनता से जायजा लिया। 
विश्व के आदि तीर्थो में सुमार भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में कोरोना अनलॉक के बाद दीपावली के बाद सोमवती अमावस्या का पहला बड़ा मेला पड़ा है। इस पावन अवसर पर देश भर से लाखों श्रद्धालुओं के आगमन की संभावनाओं के चलते यूपी -एमपी प्रशासन पहले से ही चौकन्ना हो गया था। जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय और पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल ने अधिकारियों के साथ बैठक कर मेला परिक्षेत्र को जोन और सेक्टर में बाँट कर मजिस्ट्रेटों की तैनाती कर दी थी। 
सोमवार की तड़के से ही माता सती अनुसुईया के तपोबल से प्रकटी पतित पावनी माँ मन्दाकिनी नदी में आस्था की डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालुओं ने मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए जय श्री राम, जय कामतानाथ भगवान के जयकारा लगाते हुए कामदगिरि पर्वत की पंचकोसीय परिक्रमा लगाई।   
कामदगिरि प्रमुख द्वार के महंत मदन गोपाल दास महाराज ने सोमवती अमावस्या का महत्व बताते हुए कहा कि चित्रकूट विश्व का सर्वोत्तम पावन धाम है। इसी पवित्र तीर्थ में स्थित कामदगिरि पर्वत पर निवास कर भगवान श्रीराम ने वनवास काल का सर्वाधिक साढ़े 11 वर्ष का समय व्यतीत किया था। उन्होंने बताया कि अमावस्या के दिन भगवान कामतानाथ के दर्शन पूजन पर पर्वत की पंचकोसीय परिक्रमा लगाने से लोगो के जीवन के समस्त कष्टों का नाश होता है।
डीएम शेषमणि पांडेय और पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल ने बताया कि प्रशासन द्वारा मेला परिक्षेत्र में सुरक्षा के चाक चौबंद प्रबंध किये गये हैं। श्रद्धालुओं को पब्लिक एड्रेस सिस्टम के जरिये कोविड प्रोटोकाल का पालन करने की सलाह दी जा रही है। सुरक्षा के लिहाज से सीसीटीवी कैमरे के अलावा ड्रोन से शरारती तत्वों पर नजर रखी जा रही है ।कोरोना के चलते इस बार मेला में पिछले साल की तुलना में बेहद कम भाड़ रही है। 
आपको बता दे कि पिछले साल सोमवती अमावस्या मेले में करीब 20 लाख श्रद्धालुओं ने चित्रकूट पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाने के बाद कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा लगाई थी।

error: Content is protected !!