UP News :समय के भीतर वाहन का वीआईपी नम्बर न लेने पर हाईकोर्ट का राहत देने से इंकार

तीस दिन में वीआईपी नम्बर न लेने पर शुल्क वापसी नहीं

प्रयागराज (हि.स.)। मोटर वाहन पंजीकरण का वीआईपी नम्बर बुक कराने वालों के लिए बुरी खबर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत यदि वीआईपी नम्बर लेने की निर्धारित अवधि 30 दिन के भीतर वाहन खरीद कर नम्बर नहीं ले लेते तो आरक्षित नम्बर निरस्त कर दिया जायेगा और वीआईपी नम्बर बुक कराने के लिए जमा राशि भी जब्त हो जायेगी।

कोर्ट ने कहा कि कानून की मंशा साफ है। उसका पालन न करने वाले को कोर्ट कोई राहत नहीं दे सकती। कोर्ट ने वाहन खरीदने के लिए दो हफ्ते का समय बढ़ाने और वीआईपी नम्बर आवंटित करने का समादेश जारी करने की मांग अस्वीकार कर याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एस.पी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति डॉ. वाई.के श्रीवास्तव की खंडपीठ ने राजेश गौर की याचिका पर दिया है। 

याची का कहना था कि उसने 6 मार्च 20 को वाहन का वीआईपी नम्बर आवंटित करने की अर्जी दी और एक लाख रुपये इसके एवज में जमा किया। वह वाहन खरीद नहीं सका। विभाग ने वाहन खरीदने के लिए दो हफ्ते का समय देने से इंकार कर दिया तो हाईकोर्ट की शरण ली।

कोर्ट ने कहा कि अधिनियम में साफ तौर पर लिखा है कि परिवहन आयुक्त को खास नम्बरों को आरक्षित करने और मांगने पर शुल्क के साथ क्रमवार आवंटित करने का अधिकार है। यदि कोई व्यक्ति अर्जी देने के एक माह के भीतर वाहन खरीद कर वीआईपी नम्बर नहीं लेता है तो उसकी मांग निरस्त कर दिया जायेगा और जमा राशि वापस नहीं होगी। याची ने स्वीकार किया है कि फीस जमा की किन्तु समय के भीतर वाहन नहीं खरीद सका। ऐसे में उसे राहत नहीं दी जा सकती।

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