UP News :शारदीय नवरात्र और दुर्गा पूर्जा की प्रशासनिक तैयारियां, दिशा-निर्देश जारी

वाराणसी(हि.स.)। शारदीय नवरात्र और दुर्गा पूजा में तीन दिन शेष देख प्रशासनिक तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। मंगलवार को जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने अपने कैंप कार्यालय में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक संग जिले के सभी दुर्गापूजा समितियों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। 
बैठक में जिलाधिकारी ने कोविड-19 को देखते हुए शासन के दिशा-निर्देशों की जानकारी दुर्गा पूजा समिति के पदाधिकारियों को दी। जिलाधिकारी ने कहा कि सार्वजनिक रूप से सड़कों और चौराहों पर कोई पंडाल नहीं लगाया जायेगा। सड़क से हट कर शासन द्वारा निर्धारित साइज़ का पंडाल ही लगाया जा सकता है। कोरोना महामारी से सुरक्षित रहते हुए सीमित तरीके से त्योहार मनाने की अनुमति दी गई है। जिसमें 15 गुणे 15 फीट के तीन चांदनी लगाने की अनुमति, खुली जगह पर एक समय में 100 से अधिक लोगों को इकट्ठा न होने, कैम्पस या बंद परिसर में अधिकतम 200 लोगों की अनुमति तथा पांच फीट ऊंची तथा पांच फीट तक चौड़ी मूर्ति स्थापित करने की अनुमति दी गई है। 
उन्होंने कहा कि पूजा पंडाल में प्रवेश और निकास की व्यवस्था अलग-अलग किया जायेगा, पंडाल चारों ओर से खुला न हो। प्रवेश द्वार पर स्कैनर से जांच कर अन्दर जाने दें, और किसी बीमार को प्रवेश न दिया जाए। 
जिलाधिकारी ने कहा कि समितियों को पंडाल में भीड़ नियंत्रित करने के लिए अपने वालंटियर रखना होगा। जो नेम प्लेट लगा कर सेवा देंगे। पंडाल में लाउडस्पीकर पर भजन संगीत के अलावा कोरोना से बचाव हेतु प्रसारण भी किया जायेगा। पंडालों में सार्वजनिक रूप से भोज आदि का कोई आयोजन प्रतिबंधित है। प्रसाद का वितरण पैकेट में किया जायेगा। कन्या भोजन केवल 9 लोगों से अधिक न करायें।
मूर्ति कलश स्थापना का संबंधित थाने पर देना होगा सूचना

दुर्गा पूजा में पूजा समितियों को मूर्ति और कलश स्थापना के पूर्व सम्बंधित थाने पर सूचना देना होगा। लिखित सूचना में मूर्ति स्थापना का स्थान, स्थल की क्षमता विसर्जन की तिथि आदि की जानकारी देनी होगी। ताकि थाने से विसर्जन का क्रम निर्धारित कर दिया जाये, उसी के अनुसार विसर्जन किया जा सकेगा। मूर्ति विसर्जन के लिए केवल एक छोटी गाड़ी टाटा मैजिक की अनुमति दी गई है। जिस पर मूर्ति विसर्जन किया जायेगा तथा बड़े डीजे गाड़ी पर न लगाने का निर्देश दिया गया। मूर्ति विसर्जन में अधिकतम 10 लोग जा सकेंगे। अबीर गुलाल उड़ाना और नाच गाना प्रतिबंधित रहेगा। विसर्जन का मार्ग तथा विसर्जन के पश्चात् वापसी का मार्ग अलग-अलग निर्धारित किया जायेगा तथा विसर्जन के पश्चात् लोग शांति से वापस आयेंगे।
दो गज के दूरी के नियमों का पालन जरूरी
रामलीला समितियों को अपने वालंटियर लगाकर भीड़ नियंत्रित करने तथा सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क आदि का पालन कराये जाने का कार्य किया जायेगा। बैठक में डीएलडब्ल्यू तथा रामनगर रामलीला समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि रावण का पुतला दहन नहीं किया जायेगा। केवल रामायण पाठ कराया जायेगा।
नहीं होगा भरत मिलाप, नक्कटैया का कार्यक्रम
कोरोना संकट को देख नगर में भरत मिलाप और नक्कटैया का मेला नही होगा। रामलीला समितियों ने मेले को निरस्त कर दिया है।

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