UP News : राज्य सरकार ने कृषि निर्यात को प्रोत्साहन देने की पहल की : योगी आदित्यनाथ

-कहा, उप्र मण्डी अधिनियम में संशोधन करने वाला अग्रणी राज्य

लखनऊ(हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार ने दशकों से गरीबी और विपन्नता का सामना कर रहे राज्य के किसानों को आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। प्रदेश के 86 लाख किसानों के 36 हजार करोड़ रुपये की धनराशि का ऋणमोचन किया गया। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से 02 करोड़ से अधिक किसानों को सीधे आर्थिक सहायता पहुंचाई गयी है। प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को व्यवस्थित रूप से लागू किया गया। 
मुख्यमंत्री शुक्रवार को यहां अपने सरकारी आवास पर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा वर्चुअल प्लेटफार्म पर आयोजित ‘एग्रो एण्ड फूड टेक-2020’ को सम्बोधित कर रहे थे। यह आयोजन इण्डिया इन्टरनेशनल फूड एण्ड एग्री वीक-2020 (16-22 अक्टूबर) के अवसर पर आयोजित किया गया। 
कोरोना काल में कृषि सेक्टर ने अर्थव्यवस्था को गति प्रदान की
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के समय जब अन्य सेक्टरों के विकास की गति मंद रही, कृषि सेक्टर ने अर्थव्यवस्था को गति प्रदान की। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के समय रबी की फसलें तैयार थी। राज्य सरकार ने गाइडलाइन्स का पालन करते हुए गेहूं सहित रबी की फसलों की कटाई-मड़ाई के लिए आवश्यक साधन-संसाधन किसानों को उपलब्ध कराये, जिससे फसलों के समय से निष्पादन में उन्हें कोई समस्या न हो और उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सके।
35.78 लाख टन गेहूं और 38,717 मीट्रिक टन चने की हुई खरीद 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा रबी में उत्पादित फसलों की खरीद के लिए 06 हजार क्रय केन्द्र स्थापित किये गए, जिनसे 35.78 लाख टन गेहूं तथा 38,717 मीट्रिक टन चने की खरीद की गयी। राज्य सरकार द्वारा व्यापक रूप से क्रय केन्द्र बनाये जाने के कारण किसानों को बाजार में भी लाभदायक मूल्य प्राप्त हुआ। इसके साथ ही, लाॅकडाउन के दौरान सभी 119 चीनी मिलों का सुचारू संचालन कराया गया। वर्तमान में खरीफ की उपज के लिए 04 हजार क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। इन केन्द्रों पर निर्धारित समर्थन मूल्य पर खरीददारी की जा रही है।
लघु एवं सीमान्त किसानों के आर्थिक उत्थन को एफपीओ का गठन
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कृषि निर्यात को प्रोत्साहन देने की पहल की है। उत्तर प्रदेश मण्डी अधिनियम में संशोधन करने वाला अग्रणी राज्य है। प्रदेश में लगभग 92 प्रतिशत लघु एवं सीमान्त किसान हैं, जिनकी जोते छोटी-छोटी है। इन किसानों के आर्थिक उत्थान के लिए इन्हें संगठित करना आवश्यक है। भारत सरकार द्वारा देश में 10,000 एफपीओ के गठन एवं प्रोत्साहन के लिए जारी योजना के क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा भी अपनी एफपीओ सम्बन्धी नीति जारी कर दी गई है। प्रथम चरण में प्रदेश के प्रत्येक विकास खण्ड में एक-एक एफपीओ के गठन की कार्यवाही शुरू की गयी है। 
45 कृषि उत्पादों को मण्डी शुल्क से किया मुक्त
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अपने उत्पादों को सुविधानुसार लाभकारी मूल्य पर विक्रय कर सकें, इस उद्देश्य के साथ 45 कृषि उत्पादों को मण्डी शुल्क से मुक्त कर दिया गया है। इससे किसानों को स्वेच्छानुसार उनके उत्पादों के विक्रय का अवसर मिला है, जो उनकी आय में वृद्धि में उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 01 लाख करोड़ रुपये के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फण्ड के सम्बन्ध में प्रदेश सरकार द्वारा कार्यवाही की जा रही है। 
ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की फसलों के सुरक्षित भण्डारण के लिए सहकारिता विभाग द्वारा आगामी 04 वर्षों में न्याय पंचायत स्तर पर 100 मी. टन से लेकर 5,000 मी. टन क्षमता तक के 5,380 गोदामों के निर्माण हेतु 2,600 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गयी है। इससे 8,50,000 मी. टन फसल का सुरक्षित भण्डारण हो सकेगा।
27 मण्डियों को आधुनिक किसान मण्डी के रूप में किया जा रहा विकसित 
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की 27 मण्डियों को आधुनिक किसान मण्डी के रूप में विकसित किया जा रहा है। 24 मण्डियों में फल-सब्जियों के सुरक्षित भण्डारण के लिए कोल्ड स्टोरेज और राइपनिंग चैम्बर्स की सुविधाओं का भी निर्माण किया जा रहा है। राज्य में पहले से उपलब्ध जनपद लखनऊ व सहारनपुर के 02 मैंगो पैक हाउस के अतिरिक्त, जनपद अमरोहा और वाराणसी मे अन्य 02 मैंगो पैक हाउस का निर्माण कराया जाएगा।
37,805 उद्यमों के उन्नयन का लक्ष्य निर्धारित
इसके साथ ही उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अन्तर्गत 05 वर्षों की अवधि में 37,805 उद्यमों के उन्नयन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसका बेसलाइन सर्वे और ओडीओपी का चिह्नांकन पूर्ण कर लिया गया है तथा मंत्रिपरिषद द्वारा इस योजना को अंगीकृत भी कर लिया गया है।
11 जिले ‘काला नमक’ चावल के लिये जीआई सूची में दर्ज 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के 11 जनपद ‘काला नमक’ चावल के लिये जीआई सूची में दर्ज किये गये हैं। इससे बासमती के साथ-साथ ‘काला नमक’ चावल के क्षेत्र में भी प्रदेश अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित कर सकेगा। यह उपलब्धि विदेशी मुद्रा अर्जित करने में भी कारगर सिद्व होगी। इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई दिल्ली, कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या, कृषि विज्ञान केन्द्र गोरखपुर, कृषि विज्ञान केन्द्र सिद्धार्थनगर तथा कृषि विज्ञान केन्द्र देवरिया का एक मेगा प्रोजेक्ट नेटवर्किंग मोड पर स्वीकृत किया गया है।
शीतगृहों व खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को मण्डी उपस्थल घोषित
मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र के लाइसेंसधारी शीतगृह, जिनकी भण्डारण क्षमता 4,000 मी. टन से कम न हो और खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां, जिनकी क्षमता 10 टन प्रतिदिन से अधिक प्रसंस्करण करने की है, ऐसे सभी शीतगृहों व खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को मण्डी उपस्थल घोषित किया गया है। मण्डी उपस्थल को सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष के लिए शुल्क और बैंक गारण्टी से मुक्त कर दिया गया है। 
वाराणसी व आस-पास के क्षेत्रों में किसानों द्वारा उगाई गई सब्जियों के निर्यात की बहुत सम्भावनाएं हैं। गत वर्ष यहां से अरब देषों को सब्जियों का निर्यात शुरू किया गया है। सरकार द्वारा गठित किये जा रहे कृषक उत्पादक संगठनों द्वारा संगठित रूप से अधिक मात्रा में सब्जियों का उत्पादन होने से इनके निर्यात की सम्भावनाएं और विकसित होंगी। कार्यक्रम को एग्री एण्ड फूड टेक-2020 के चेयरमैन अजय श्रीराम, सीआईआई के महानिदेशक चन्द्रजीत बनर्जी ने भी सम्बोधित किया। 

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