UP News : मौसम के बदले मिजाज से बुखार के बढ़ रहे मरीज, फुल हो गये अस्पतालों के बेड
– सबसे अधिक बच्चे हो रहे प्रभावित, उल्टियाें के साथ शरीर में पड़ रहे चकत्ते
कानपुर (हि.स.)। प्रदेश में लगातार हो रहे मौसम के बदलाव के चलते बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। कोरोना से जहां अभी तक आम लोगों को जनजीवन अस्त-व्यस्त था तो वहीं अब बुखार की चपेट में बच्चों के आने से आम लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जिसके चलते कानपुर के प्राइवेट अस्पतालों व सरकारी अस्पतालों के बाहर मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है।
लेकिन इस बार आ रहे बुखार को लेकर डॉक्टर भी असमंजस में हैं और वह मौसमी बुखार को गम्भीरता से ले रहे हैं। साथ ही परिजनों से कोराेना प्रोटोकॉल के तहत रहने की सलाह दे रहे हैं। डॉक्टरों की माने तो इस बार मौसम परिवर्तन के बाद पहले बुखार की पुष्टि नहीं हो पा रही है क्या बुखार डेंगू का है या फिर कोई नया वायरस है लेकिन डॉक्टरों ने इस बुखार से निपटने के लिए कमर कस ली है।
गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज से सम्बद्ध हैलट अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ यशवंत राय ने बताया कि इस बार जो बच्चे अस्पताल में आ रहे हैं वह बुखार से पीड़ित हैं। उनके शरीर में लाल चकत्ते पड़ रहे हैं और उन्हें उल्टियां भी हो रही है। इन सभी को इलाज दिया जा रहा है। अभी कल 24 बच्चे बुखार से ग्रसित आए थे जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। बुखार किस तरीके से तेजी के साथ बढ़ रहा है इसका अंदाजा इस बात से लगाइए कि अस्पताल में क्षमता से अधिक बच्चे भर्ती हैं। अस्पताल में 120 बच्चों की क्षमता है और भर्ती हैं 189 बच्चे, जिनका इलाज चल रहा है।
बच्चों के साथ इस समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है, सबसे ज्यादा इस बात का ध्यान देना चाहिए कि दस्त आने के बाद अगर बच्चा सुस्त हो तो सतर्क हो जाएं। बच्चे के शरीर में पानी की कमी न होने दें साथ ही साथ बच्चे को लगातार ओआरएस का घोल देते रहें। ज्यादा तबियत खराब होने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। क्योंकि पानी की ज्यादा कमी से किडनी प्रभावित हो जाती है, जिससे जान को भी खतरा हो सकता है। इसी तरह जिला अस्पताल उर्सला, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और निजी अस्पतालों में बुखार से मरीज बराबर भर्ती हो रहे हैं।