UP News : नई तकनीक से बनेंगी उप्र की ग्रामीण सड़कें, उम्र होगी करीब 20 साल
-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एफडीआर पद्धति से बनेगीं दो हजार किमी सड़कें
-उच्च तकनीक से सड़क बनाने वाली जर्मनी, जापान और फ्रांस की कंपनियों ने दिया प्रजेंटेशन
लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कें अब नई तकनीक से बनेंगी। इससे गांव की सड़कें मजबूत होंगी और उनकी उम्र 15 से 20 साल तक की होगी। उच्च तकनीक से टिकाऊ सड़क बनाने वाली जर्मनी, जापान और फ्रांस की कुछ कंपनियों ने दो दिन पहले राजधानी में अपना प्रजेंटेशन भी दिया है।
प्रदेश में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करीब नौ हजार किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई जानी हैं। इनमें से दो हजार किलोमीटर सड़कें ‘फुल डेप्थ रिक्लेमेशन’ (एफडीआर) तकनीक से बनवाने की योजना है। इसके लिए उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण द्वारा देशी विदेशी कंपनियों से आवेदन आमंत्रित किया था।
बताया जाता है कि जर्मनी, जापान और फ्रांस की कई कंपनियों ने एफडीआर तकनीक से प्रदेश की ग्रामीण सड़कों को बनाने में अपनी अभिरुचि दिखाई है। इन कंपनियों ने दो दिन पहले राजधानी लखनऊ आकर वरिष्ठ अधिकारियों के सामने अपना प्रजेंटेशन भी दिया।
कंपनियों ने अपने प्रजेंटेशन के दौरान बताया कि एफडीआर तकनीक में सड़कों के निर्माण की लागत में करीब 40 प्रतिशत की कमी आयेगी और मजबूती अधिक होगी। भारी वाहनों के लगातार चलने से भी ये सड़कें क्षतिग्रस्त नहीं होंगी। बताया जाता है कि तकनीकी अध्ययन के बाद प्रजेंटेशन देने वाली विदेशी कंपनियों से जल्द ही प्रदेश की ग्रामीण सड़कों के निर्माण का करार हो सकता है।
प्रदेश के अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह ने ग्रामीण इलाकों की करीब दो हजार किलोमीटर लंबाई की सड़कों को एफडीआर तकनीक से बनवाए जाने के निर्णय की पुष्टि की है। श्री सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि एफडीआर तकनीक में सड़कों के निर्माण में नई गिट्टी की जरुरत नहीं पड़ती है। पुरानी गिट्टी जो सड़क में पहले से प्रयुक्त है, उसी का पुनः प्रयोग कर इस तकनीक से सड़क को बेहतर और मजबूत बनाया जा सकता है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि एफडीआर तकनीक से सड़कों के निर्माण की लागत और समय में कमी आती है, लेकिन मजबूती अपेक्षाकृत अधिक होती है। उन्होंने बताया कि इस तकनीक से बनने वाली सड़कों की उम्र 15 से 20 साल तक की होगी।