UP News: दहेज हत्या में माता-पिता व बेटे को दस वर्ष का कारावास
प्रादेशिक डेस्क
हमीरपुर। मौदहा कोतवाली क्षेत्र के सिलौली गांव में 17 वर्ष पूर्व हुए दहेज हत्या के मामले में न्यायाधीश एफटीसी प्रथम ने आरोपित माता-पिता व बेटे को दस वर्ष का कारावास सुनाया है। वहीं प्रत्येक पर दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मनीराम वर्मा ने बताया कि बांदा निवासी अजीत कुशवाहा को सूचना मिली कि मौदहा क्षेत्र के सिलौली गांव में ब्याही उसकी बहन कमला देवी उर्फ गुडिय़ा जली हालत में हमीरपुर अस्पताल लाई गई है। जिस पर जब वह वहां पहुंचा तो उसकी बहन की मौत हो चुकी थी। जिस पर अजीत ने बहन के शव को देख हत्या कर शव जलाने का आरोप ससुरालीजनों पर लगाया। उसने बताया कि घटना 16 मई 2004 को हुई। मामले में उसने बताया कि उसकी बहन की शादी 20 जून 2002 को सिलौली गांव निवासी महेंद्र पुत्र निरंजन प्रसाद के साथ हुई थी। जिसमें क्षमता के अनुसार दान दहेज भी दिया गया। लेकिन ससुरालीजन उससे खुश नहीं थे। बताया कि आए दिन उसकी बहन का मानसिक उत्पीडऩ कर एक लाख रुपये व बाइक मायके पक्ष से दिलाने की मांग करते थे। जिसके बारे में उसकी बहन ने जानकारी भी दी। आरोप लगाते हुए बताया कि मांग पूरी न होने पर उसके पति महेंद्र, ससुर निरंजन प्रसाद व सास रामकली ने मिलकर उसकी फांसी लगा हत्या कर दी और फिर जला दिया। जिस पर थाना पुलिस द्वारा आरोपितों के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया। जिस पर मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी प्रथम गीतांजलि गर्ग ने मृतका के सास-ससुर व पति को मामले में दोषी मानते हुए दस वर्ष का कारावास व दस-दस हजार रुपये का जुर्माना सुनाया है।
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