UP News: तीन दिवसीय राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक सम्पन्न

अयोध्या (हि.स.)। राम नगरी में श्रीराम मंदिर निर्माण समिति की पिछले तीन दिनों से चल रही बैठक रविवार को संपन्न हो गई। बैठक में मंदिर निर्माण कार्य को लेकर कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरी जी महाराज, जगतगुरु माधवाचार्य विश्व प्रसिद्ध तीर्थ जी महाराज, राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, सदस्य डॉ. अनिल मिश्र की मौजूदगी में राम मंदिर ट्रस्ट के आर्किटेक्ट और निर्माण कंपनियों के इंजीनियर्स मौजूद रहे। 

बैठक में मंदिर की नींव का स्वरूप, मैटेरियल का प्रयोग के साथ नींव की आयु और भार क्षमता में वृद्धि को लेकर हुई चर्चा की गई। बैठक में लार्सन एंड टूब्रो और टाटा इंजीनियरिंग कंपनी, सीबीआरआई रुड़की, एनआईटी सूरत और आईआईटी चेन्नई के अनुभवी इंजीनियर्स की टीम हुई शामिल हुई। बैठक में अक्षरधाम मंदिर के पुजारी ब्रह्मविहारी स्वामी से भी मंदिर निर्माण के लिए अहम सुझाव लिए गए। 

राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन की अध्यक्षता में हुयी तीन दिवसीय बैठक में प्रमुख रूप से नीव की मजबूती, राम मंदिर की गुणवत्ता के साथ-साथ मंदिर निर्माण के समय और मंदिर निर्माण के बाद सुरक्षा वयवस्था को लेकर भी मंथन किया गया। बैठक में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा इंजीनियर्स के साथ-साथ कई निर्माण इकाइयों के साथ चर्चा की गयी। बैठक में एक और भी अहम फैसला लिया गए जिसमें कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टुब्रो के कार्यों पर टाटा कंपनी सहित अन्य विशेषज्ञ भी नजर रखेगें और अपनी राय भी देंगें। 
राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी ने बताया कि राम मंदिर की गुणवत्ता को टाटा सहित कई निर्माण इकाइयां को भी मंदिर निर्माण पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गयी है। इसके अलावा टाटा कंपनी को मंदिर निर्माण के दौरान एलएंडटी कंपनी पर निगाह रखने की जिम्मेदारी दी गयी है। राम मंदिर निर्माण के साथ ही रामजन्मभूमि परिसर के विकास को लेकर देशभर के आर्किटेक्ट और धर्माचार्यों से सुझाव मांगा जाएगा और आने वाले सुझावों पर ट्रस्ट विचार करने के बाद उस पर रूपरेखा तैयार करेग। 

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