UP News ; कांग्रेस छोड़ने वाली पूर्व सांसद अन्नु टंडन सपा में शामिल
-अखिलेश ने किया स्वागत, कहा प्रदेश में सपा का कोई विकल्प नहीं
लखनऊ (हि.स.)। कांग्रेस प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाकर बीते दिनों पार्टी छोड़ने वाली पूर्व सांसद अन्नू टंडन आखिरकार अटकलों के मुताबिक सोमवार को समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं। इस दौरान उनके समर्थकों ने भी सपा की सदस्यता ग्रहण की।
सपा ही इस समय भाजपा और बसपा से कर रही मुकाबलाइस मौके पर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अन्नू टंडन को जमीनी नेता बताते हुए पार्टी में उनके शामिल होने का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सपा का कोई विकल्प नहीं है। सपा ही इस समय अकेले ही भाजपा के साथ बसपा का मुकाबला कर रही है। यह दोनों आपस में मिले हैं। उन्होंने कहा कि आज ही बसपा की मुखिया ने सफाई दी है।
भाजपा से जनता में नाराजगी, 2022 से होगी खुशहाली अखिलेश ने कहा कि बसपा का मुकाबला समाजवादी पार्टी से है और भाजपा का मुकाबला भी समाजवादी पार्टी से ही है। इससे तो साफ ही पता चल जाता है कि कौन-कौन आपस में मिले हैं और कौन सत्ताधारी दल के साथ मुकाबला कर रहा है।उन्होंने कहा कि भाजपा से जनता की नाराजगी है। किसी भी सवाल का जवाब भाजपा के पास नहीं है इसलिए उत्तर प्रदेश और देश को भाजपा से बचाना है। लोग कह रहे हैं कि नवम्बर में वैक्सीन, दिसम्बर में वैक्सीन आ जाएगा, मुझे तो बस इतना पता है कि 2022 में सारी बीमारियां खत्म हो जाएंगी। 2022 से खुशहाली ही खुशहाली होगी।
कांग्रेस संगठन कमजोर, अखिलेश के कारण सपा में हुई शामिलइस दौरान अन्नू टंडन ने कहा कि मेरे समाजवादी पार्टी में शामिल होने का कारण अखिलेश यादव खुद हैं। उन्होंने अपनी सरकार में जितना काम किया उससे ज्यादा करना संभव नहीं था। अखिलेश फिर से मुख्यमंत्री बनें यही मेरा मकसद है। कांग्रेस से इस्तीफा देने को लेकर उन्होंने कहा कि मैंने करीब 15 वर्ष कांग्रेस में गुजारे हैं और मुझे राहुल गांधी व सोनिया गांधी से भरपूर स्नेह मिला है। मैं 2019 के बाद से निराश थी जिसके बाद मैंने तय किया कि अब जनता के लिए काम करना है तो कांग्रेस छोड़ना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का संगठन अभी इतना मजबूत नहीं है कि भाजपा का सामना कर सके।
प्रियंका के साथ ज्यादा काम करने का नहीं मिला मौकाउन्होंने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को लेकर सवाल पूछने पर कहा कि उनके साथ काम करने का अधिक मौका नहीं मिला। वह पार्टी में दो वर्ष पहले ही आई हैं, इसलिए उनके बारे में अधिक नहीं बता सकती हूं।
प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस से दिया था इस्तीफाइससे पहले कांग्रेस से अपनी इस्तीफे में अन्नू टंडन ने कहा था कि उनकी कर्मभूमि उत्तर प्रदेश और खासतौर से उनका गृह क्षेत्र उन्नाव है। बीस वर्षों से वह जनसेवा व समाज सेवा करती आई हैं। इसके अतिरिक्त वह राजनीतिक तौर पर प्रदेश व अपनों के बीच में काम करते रहना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश नेतृत्व के साथ कोई तालमेल न होने के कारण उन्हें कई महीनों से काम में उनसे कोई सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा है। 2019 का चुनाव हारना उनके लिए इतना कष्ट दायक नहीं रहा जितना पार्टी संगठन की तबाही और उसे बिखरते हुए देखकर हुआ। अन्नू टंडन ने आरोप लगाया कि कहा कि प्रदेश का नेतृत्व सोशल मीडिया मैनेजमेंट व व्यक्तिगत ब्रांडिंग में इतना लीन है कि पार्टी व मतदाता के बिखर जाने का उनको कोई इल्म नहीं है। इसके बाद से ही अन्नू टंडन के सपा में जाने की सम्भावना जतायी जा रही थी।