UP News : आलू हुआ सुर्ख फलों के बढ़े दाम कैसे होगा शारदीय नवरात्र का व्रत
कानपुर (हि.स.)। कोरोना काल में महंगाई अपने चरम सीमा को लगातार पार कर रही है। इसका असर शारदीय नवरात्रि पर्व से देखने को मिल रहा है। जिसका मध्यम वर्गीय परिवार में महंगाई का गहरा असर पड़ा है। सनातन धर्म में शारदीय नवरात्र का बड़ा ही महत्व माना गया है। एक सप्ताह पूर्व जो सब्जियों और फलों निम्न स्तर पर थे वो आज आसमान छूते नजर आ रहे है। शनिवार से नवरात्रि पर्व का शुभारंभ हो रहा है। लेकिन कोरोना काल के 6 माह से अधिक बीत जाने के बाद भी व्यापार में गहरी चोट पहुंच रही है। खाद्य सामग्री के दाम में काफी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।
सुनीता राठौर (गृहिणी) हरवंश मोहाल निवासी ने बताया कि आज से एक सप्ताह पूर्व आलू 25 से 30 तक मिल जाते थे। लेकिन नवरात्र पर्व शुरू होने से पहले आलू की कीमत में 5 से 7 रुपये की बढ़त नजर आ रही। क्योंकि आलू ही जो सबसे ज्यादा फलाहार में खाया जाता है। बाकी अन्य सब्जियों में महंगायी आयी है।
नितिन अवस्थी जो कि एक पेशे से प्राइवेट कर्मी है उन्होंने बताया कि पहले कि तरह अब त्योहारों में रौनक नहीं रही है। क्योंकि मुख्य कारण कोरोना काल में तेजी से बढ़ती महंगाई। पहले जो नारियल का गोला 20 रुपये का होता था। वो अब 35 से 40 रुपये का हो गया है। अब इन हालातों में पूजन पाठ की सामग्री खरीदना मुश्किल हो गया है।
अनिल कुमार ने बताया कि वह विगत 8 सालों से फलों का व्यापार कर रहे है। लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते काफी असर व्यापार पर पड़ा है। जिसका खामियाजा हम व्यापारियों को भोगना पड़ रहा है। पहले अच्छे केले के दाम 35 से 40 रुपयों तक हुआ करते थे। लेकिन इस बार इन केलों के दाम लगभग 10 रुपयों तक की बढ़ोतरी हुई है। जिसका असर बाजार में हो रहा है। पहले ग्राहक 1 से 2 दर्जन केला खरीदता था अब वो बढ़ी क़ीमतों की वजह से कम मात्रा में ही खरीदता है।