UP News: होम्योपैथ चिकित्सकों की अधिवर्षता आयु ऐलोपैथ के बराबर न होना विभेदकारी

प्रादेशिक डेस्क

लखनऊ। प्रांतीय होम्योपैथिक चिकित्सा सेवा संघ उत्तर प्रदेश ने संवर्ग के चिकित्सकों की अधिवर्षता आयु एलोपैथ चिकित्सकों के बराबर करने की मांग शासन के समक्ष रखी है। संघ के महासचिव डॉ प्रभाकर राय ने इस मांग के पीछे मुख्य आधार सुप्रीम कोर्ट के एक ताजा निर्णय को बनाया है, जिसमे आयुष विधा के चिकित्सकों की अधिवर्षता आयु ऐलोपैथ चिकित्सको के बराबर न होने को विभेदकारी माना गया है। मुख्यमंत्री व अपर मुख्य सचिव, आयुष उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ को प्रेषित पत्र में उन्होंने कहा है कि नार्थ दिल्ली म्युनिसिपल कार्पोरेशन बनाम डॉ राम नरेश शर्मा व अन्य (सिविल अपील नम्बर 4578/2021) में माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय दिनांक 03 अगस्त 2021 के आलोक में प्रांतीय होम्योपैथिक चिकित्सा सेवा संवर्ग के चिकित्सकां की अधिवर्षता आयु ऐलोपैथ चिकित्सकों के बराबर की जाय। सुप्रीम कोर्ट ने इस महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि उपचार की प्रणाली के आधार पर एलोपैथ और आयुष डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु में भेदभाव नहीं किया जा सकता। ऐसा करना संविधान प्रदत्त बराबरी के अधिकार अनुच्छेद-14 का उल्लंघन है।

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केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिनांक 31 मई 2016 को ऐलोपैथ चिकित्सकों की आयु 60 वर्ष से 65 वर्ष किये जाने की अधिसूचना जारी की थी। इसी के अनुक्रम में उत्तर प्रदेश शासन (चिकित्सा अनुभाग-2) ने अधिसूचना संख्या-232/सेक-2-पांच-2017-7(237)/2014, दिनांक 31 मई 2017 जारी कर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में कार्यरत प्रादेशिक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के चिकित्सा अधिकारियों की अधिवर्षता आयु आयु 60 वर्ष से 62 वर्ष कर दी है, जबकि आयुष मंत्रालय की अधिसूचना दिनांक 24 नवंबर 2017 द्वारा आयुष व सीजीएचएस डिस्पेंसरी में कार्यरत चिकित्सकां की अधिवर्षता आयु 65 वर्ष किये जाने के बावजूद उत्तर प्रदेश शासन के आयुष विभाग ने होम्योपैथिक चिकित्सकों की अधिवर्षता आयु नहीं बढ़ाई है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश शासन के श्रम अनुभाग-6 ने पहले ही शासनादेश संख्या- 862/36-6-2017-5 (171)/92 टीसी दिनांक 29.6.2017 द्वारा कर्मचारी राज्य बीमा योजना अंतर्गत कार्यरत एलोपैथ के साथ होम्योपैथ चिकित्सा अधिकारियों/ विशेषज्ञों की भी अधिवर्षता आयु 60 से 62 वर्ष कर दी है। मध्य प्रदेश सरकार के आयुष विभाग ने शासनादेश संख्या-241/120/2020/1/59 दिनांक 27 जनवरी 2020 द्वारा आयुष चिकित्सकों की अधिवर्षता आयु 62 वर्ष कर दी है। संघ ने पत्र में स्पष्टया कहा है कि होम्योपैथिक चिकित्सकों की अधिवर्षता आयु राज्य में कार्यरत ऐलोपैथ चिकित्सकों के बराबर न बढ़ाना न केवल विभेदकारी है, बल्कि संविधान के अनुच्छेद-14 का उल्लंघन भी है।

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