एडीजी गोरखपुर जोन द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में हुआ खुलासा
देवीपाटन परिक्षेत्र के बलरामपुर व श्रावस्ती जिलों ने गोरखपुर जोन में किया उत्कृष्ट प्रदर्शन
जानकी शरण द्विवेदी
लखनऊ। जनता की नजर में गोण्डा पुलिस की कार्यप्रणाली ठीक नहीं है। ज्यादातर लोग पुलिस के कार्यों से संतुष्ट नहीं हैं। जोन के 11 जिलों की पुलिस के प्रदर्शन पर एडीजी ने पब्लिक पोल कराया था, जिसमें गोण्डा जनपद की स्थिति सबसे खराब पाई गई। यह जोन के 11 जिलों में अंतिम पायदान पर पहुंच गया। एडीजी जोन अखिल कुमार ने पब्लिक पोल के आधार पर जनता के संतुष्टि की जो रैंक लिस्ट जारी की है, उसमें बलरामपुर पुलिस पहले व श्रावस्ती पुलिस दूसरे स्थान पर है। बलरामपुर पुलिस से 51.80, श्रावस्ती पुलिस से 51.13 प्रतिशत तथा बस्ती पुलिस से 49.79 प्रतिशत लोग संतुष्ट हैं। सूची में गोण्डा पुलिस नीचे से पहले अर्थात् 11वें स्थान पर, कुशीनगर पुलिस 10वें, गोरखपुर पुलिस नवें, संतकबीर नगर पुलिस आठवें, देवरिया पुलिस सातवें, सिद्धार्थनगर पुलिस छठें, बहराइच पांचवें तथा महराजगंज पुलिस चौथे स्थान पर है। एडीजी जोन द्वारा जारी पब्लिक रैंकिंग में गोण्डा पुलिस से मात्र 39.85 प्रतिशत, कुशीनगर पुलिस से 41.59 प्रतिशत, गोरखपुर पुलिस से 43.05 प्रतिशत, संत कबीर नगर पुलिस से 45.30 प्रतिशत, देवरिया पुलिस से 45.61 प्रतिशत, सिद्धार्थ नगर पुलिस से 45.70 प्रतिशत, बहराइच पुलिस से 47.65 प्रतिशत तथा महराजगंज पुलिस से 48.78 प्रतिशत जनता संतुष्ट है।
इस प्रकार हुई रायशुमारी
बता दें कि बीते एक अप्रैल से सात अप्रैल तक एडीजी जोन अखिल कुमार द्वारा जोन के सभी 11 जिलों में पुलिस और मीडिया के माध्यम से आम जनमानस को जागरूक करते हुए पांच माध्यम से सर्वेक्षण कराया गया था। इनमें आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण की गुणवत्ता के बारे में शिकायत कर्ताओं की राय ली गई। थानों में एफआईआर/एनसीआर दर्ज कराने वाले व्यक्तियों से पुलिस द्वारा की जा रही विवेचना अथवा जांच से उनकी संतुष्टि परखी गई। साथ ही 112 नम्बर पर डायल करके पुलिस से तात्कालिक सहायता मांगने वाले व्यक्तियों से उनकी संतुष्टि के बारे में जानकारी ली गई। इसके अलावा ट्विटर व फेसबुक के माध्यम से तथा डायरेक्ट पोल के माध्यम से भी आम जनता को मतदान करने के लिए लिंक उपलब्ध कराया गया, जिस पर कोई भी व्यक्ति घर बैठे अपने मोबाइल पर लिंक पर क्लिक करके अपने जिले की पुलिस के बारे में अपनी राय दर्ज कर सकता था। उपरोक्त पांच प्रकार के मतदान में जोन के कुल 59965 व्यक्तियों ने सहभागिता की। इनमें सर्वाधिक 21449 लोगों ने ट्विटर के माध्यम से, 21449 लोगों ने डायरेक्ट पोल के माध्यम से, 11997 व्यक्तियों ने डायल 112 के रेस्पांस के बारे में, 3545 आइजीआरएस के शिकायत कर्ताओं ने तथा 1352 मुकदमों के वादी व्यक्तियों ने पुलिस के बारे में अपनी राय व्यक्त किया। इनकी राय के आधार पर जिलों की रैंकिंग तय की गई, जिसमें यह नतीजा सामने आया।
पब्लिक पोल में गोण्डा जिले की स्थिति
इस रायशुमारी में परिक्षेत्र के दो जिले बलरामपुर और श्रावस्ती ने सर्वोच्च अंक हासिल करके जनता की संतुष्टि के दृष्टिकोण से क्रमशः प्रथम और द्वितीय स्थान पर रहे हैं, किन्तु गोण्डा जिला पूरे जोन में फिसड्डी साबित हुआ है। यह अंतिम पायदान 11वें स्थान पर पहुंच गया है। गोण्डा में आइजीआरएस में 773, ट्विटर पोल पर 1460, डायरेक्ट पोल के माध्यम से 3221, 43 एफआइआर के वादी मुकदमा तथा यूपी 112 के 1362 कालर्स समेत कुल 6839 व्यक्तियों ने रायशुमारी में भाग लिया। इनमें आइजीआरएस के माध्यम से शिकायत करने वाले 74.68 प्रतिशत लोग पुलिस द्वारा उनकी शिकायतों के निस्तारण की गुणवत्ता से असंतुष्ट रहे। ट्विटर पोल पर 30 प्रतिशत लोगों ने गोण्डा पुलिस को खराब तथा 14 प्रतिशत लोगों ने सामान्य बताया। डायरेक्ट पोल में 20 प्रतिशत लोगों ने खराब तथा 26 प्रतिशत लोगों ने सामान्य कहा। एडीजी की ओर से थानों में दर्ज एफआइआर व एनसीआर के वादियों से भी पोल कराया गया। जिले के मुकदमों के वादियों से फोन कर पूछा गया कि वे पुलिस की कार्रवाई, उनके द्वारा वादी से किए गए व्यवहार के आधार पर उनकी क्या राय है। एफआइआर के वादियों में 23.26 प्रतिशत ने अति उत्तम तथा 21 प्रतिशत लोगों ने खराब बताया। यूपी 112 पीआरवी रेस्पांस के मामले में 72 प्रतिशत लोगों ने पुलिस की कार्रवाई से संतुष्टि प्रदान की। ओवर आल रेटिंग 39.85 प्रतिशत रहा, जो गोरखपुर जोन में सबसे खराब रहा।
देवीपाटन मण्डल के अन्य जिलों की स्थिति
बहराइच जिले में आइजीआरएस में 307, ट्विटर पोल पर 1231, डायरेक्ट पोल के माध्यम से 2097, 34 एफआइआर के वादी मुकदमा तथा यूपी 112 के 1210 कालर्स समेत कुल 4879 व्यक्तियों ने रायशुमारी में भाग लिया। यहां आइजीआरएस फीडबैक में 73.95 प्रतिशत शिकायत कर्ता असंतुष्ट रहे। ट्विटर पोल पर 11 प्रतिशत तथा डायरेक्ट पोल पर 08.06 प्रतिशत लोगों ने बहराइच पुलिस को खराब बताया। एफआइआर के वादियों में 23.53 प्रतिशत ने अति उत्तम करार दिया, जबकि करीब 20 प्रतिशत ने खराब कहा। डायल 112 के रेस्पांस के मामले में 74 प्रतिशत शिकायत कर्ता संतुष्ट रहे। ओवर आल रेटिंग 47.65 प्रतिशत रहा। श्रावस्ती जिले में आइजीआरएस में 156, ट्विटर पोल पर 1404, डायरेक्ट पोल के माध्यम से 582, 25 एफआइआर के वादी मुकदमा तथा यूपी 112 के 301 कालर्स समेत कुल 2468 व्यक्तियों ने रायशुमारी में भाग लिया। यहां आइजीआरएस के निस्तारण में असंतुष्टि का प्रतिशत 80.12 रहा। ट्विटर पोल पर 28 प्रतिशत तथा डायरेक्ट पोल पर 13.06 प्रतिशत लोगों ने श्रावस्ती पुलिस को खराब बताया। एफआइआर के वादियों में 36 प्रतिशत ने अति उत्तम करार दिया, जबकि केवल पांच प्रतिशत ने खराब बताया। डायल 112 के रेस्पांस के मामले में 81 प्रतिशत शिकायत कर्ता संतुष्ट रहे। ओवर आल रेटिंग 51.13 प्रतिशत रहा। बलरामपुर जिले में आइजीआरएस में 211, ट्विटर पोल पर 1428, डायरेक्ट पोल के माध्यम से 1574, 20 एफआइआर के वादी मुकदमा तथा यूपी 112 के 406 कालर्स समेत कुल 3639 व्यक्तियों ने रायशुमारी में भाग लिया। इस जिले ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। यहां आइजीआरएस के निस्तारण में असंतुष्टि का प्रतिशत 68.72 रहा। ट्विटर पोल पर 27 प्रतिशत तथा डायरेक्ट पोल पर 06.48 प्रतिशत लोगों ने बलरामपुर पुलिस को खराब बताया। एफआइआर के वादियों में 30 प्रतिशत ने अति उत्तम करार दिया, जबकि खराब बताने वालों का प्रतिशत शून्य रहा। डायल 112 के रेस्पांस के मामले में 74 प्रतिशत शिकायत कर्ता संतुष्ट रहे। ओवर आल रेटिंग 51.80 प्रतिशत रहा, जो गोरखपुर जोन में सबसे अच्छा रहा।
क्या बोले परिक्षेत्रीय डीआइजी
देवीपाटन परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक उपेन्द्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि परिक्षेत्र के सभी पुलिस अधीक्षकों को अप्रैल माह की रेटिंग में सुधार के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान आगे भी चलता रहेगा। धीरे-धीरे करके इसे थाना स्तर तक ले जाया जाएगा। जोन स्तर पर यह प्रयोग सफल होने के बाद इसे रेंज, जिला, सर्किल, थाना व बीट स्तर पर लागू किया जाएगा। भविष्य में इसके आधार पर ही थाना प्रभारियों की कुर्सी तय होगी। डीआइजी के अनुसार, लोकतंत्र में जनता के प्रति प्रतिबद्धता व उनके हितों का ध्यान रखना पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पांचों प्लेटफॉर्म पर आम जनता से मिले फीडबैक के आधार पर सुधार के निर्देश दिए गए हैं। लोकतंत्र में जनता की बात सुनी जाएगी और पुलिस उसी के अनुरूप काम करेगी।

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