UP News : फरारी के दौरान इस योजना में था विकास दुबे
भाजपा नेता से मांगे थे 20 लाख रुपए, वकीलों के ड्रेस व जूते
प्रादेशिक डेस्क
लखनऊ। कानपुर के चैबेपुर के बिकरू गांव में खूनी खेल खेलने वाले दुर्दांत विकास दुबे ने इस केस के बाद फरारी के दौरान एक नेता से बीस लाख रुपया की मांग की थी। इसका ऑडियो तथा व्हाट्सएप चैटिंग वायरस हो गया है। उसने वकीलों की चार जोड़ी ड्रेस के साथ आठ नंबर के जूतों की मांग की थी।
दुर्दांत गैंगस्टर विकास दुबे चैबेपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद फरारी के दौरान भी लोगों के सम्पर्क में था। उसका कानपुर के भाजपा नेता से बातचीत का ऑडियो और व्हाट्सएप चैटिंग वायरल हो रहा है। इसमे सरेंडर का इंतजाम करने के लिए मदद मांग रहा है। भाजपा नेता को मदद के बदले कानपुर में प्रॉपर्टी देने का उसने वादा भी किया। इतना ही नहीं उसने दो दिन के अंदर दोगुनी रकम लौटाने वादा किया था। इस नेता ने एसटीएफ को यह जानकारी दी थी।
कानपुर में बिकरु कांड में सीओ सहित आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपित विकास दुबे को एसटीएफ ने दस जुलाई को कानपुर में एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। अब विकास दुबे के तमाम ऑडियो वायरल हो रहे हैं। ताजा वायरस ऑडियो से लगता है कि फरारी के दौरान भी वह अपने जानने वाले लोगों के सम्पर्क में था। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे से जुड़ी तमाम जानकारियां सामने आ रही हैं। हत्याकांड के बाद फरारी के दौरान विकास दुबे की कानपुर के एक भाजपा नेता से बातचीत का ऑडियो और व्हाट्सएप चैटिंग सामने आई है। इस व्हाट्सएप कॉल और चैटिंग में विकास अपने सरेंडर का इंतजाम करने के लिए भाजपा नेता से मदद मांग रहा है। नेता ने एसटीएफ को ये जानकारी दी थी। भाजपा नेता ने इस व्हॉट्सएप चैट को यूपी एसटीफ को दिया था। इस दौरान विकास ने मदद के लिए सपा विधायक का मोबाइल नंबर भी दिया। इस साथ ही विकास दुबे ने 20 लाख रुपया, चार जोड़ी वकीलों की ड्रेस और जूते का इंतजाम करने को कहा था। जब भाजपा नेता ने बताया ये इंतजाम मुश्किल है तो उसने एक सपा विधायक से मदद लेने को कहा था।
विकास दुबे ग्वालियर पहुंचने के बाद सरेंडर की पूरी तैयारी कर चुका था। शुक्रवार को वायरल हुए ऑडियो में वह एक परिचित को बता रहा है कि इस वक्त मुश्किल घड़ी जरूर है, लेकिन संकट टल गया है। एक-दो दिन में कोर्ट में सरेंडर भी हो जाएगा। इंतजाम हो चुका है। ऑडियो में आवाज बदली लगने के सवाल पर वह कहता है, हम ही बोल रहे हैं। आप यह समझ लो। हम ओपेनली कुछ नहीं कह सकते, इसी कारण वाट्सएप काल की है।
विकास दुबे की यह बात थाना बजरिया क्षेत्र के रामबाग निवासी सुबोध तिवारी से हुई है। आठ मिनट सात सेकेंड की वाट्सएप कॉल को उन्होंने रिकॉर्ड कर लिया था। वह बताता है कि वाट्सएप कॉल ही इसलिए कर रहा है, ताकि कोई जान न सके। बताया कि वह ग्वालियर पहुंच चुका है। माना जा रहा है कि यह ऑडियो उसके उज्जैन पहुंचने से तीन चार दिन पहले का है। वह मानता है कि मामला बड़ा हो गया है। पूरा यूपी देख रहा है, लेकिन मैटर सेफ हो गया है। वह कई बार सुबोध तिवारी से पूछता है कि गुड्डन कहां हैं। उसके फोन नंबर बंद होने की बात पर वह बताता है कि गुड्डन उसका फेसबुक पेज चलाता है। वही ग्रुप एडमिन है। यह पेज मीडिया में हाईलाइट है। इसे तुरंत बंद करना है। वह कहता है कि उसका सारा काम गुड्डन त्रिवेदी और विनय तिवारी ही देख रहे थे। अब तक तो सब अच्छा चल रहा था कि मामला बिगड़ गया। इसके लिए विकास ने भाजपा नेता को सपा विधायक का मोबाइल नंबर भी दिया। इस चैट और ऑडियो में विकास बार-बार गुड्डन त्रिवेदी से बात कराने को कह रहा है। इसके बाद पता चला है कि विकास दुबे वकील के वेश में सरेंडर की तैयारी कर रहा था। भाजपा नेता ने एसटीएफ को विकास के मैसेज और कॉल की जानकारी दी थी। वायरल ऑडियो में विकास वाराणसी और ग्वालियर में अपना ठिकाना बता रहा था।
बकौल सुबोध, उन्हें एक परिचित ने बताया था कि विकास दुबे उनसे संपर्क कर सकता है। उन्होंने पूरी जानकारी पुलिस-प्रशासन को दे दी थी। यह व्यक्ति 20 लाख रुपये और कुछ कपड़ों का इंतजाम करने को कह रहा था। उसने ग्वालियर, बनारस, फतेहपुर आदि कई जगहों पर पैसा देने के लिए बुलाया। वह हर बार पैसा लेने का ठिकाना बदल देता था। सुबोध का सवाल है कि बातचीत की रिकार्डिंग उन्होंने सिर्फ तत्कालीन डीआइजी एसटीएफ अनंत देव को दी थी। यह ऑडियो वायरल कैसे हो गया। उनका आरोप है कि पुलिस ने विकास दुबे के गुर्गों से दुश्मनी करा दी है। सुबोध के मुताबिक उनके पास कई ऑडियो हैैं। हर बार वह मदद का आग्रह ही किया करता था। कानपुर के चैबेपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद एसएसपी पद से हटाए गए डीआइजी पीएसी, अनंत देव तिवारी ने कहा कि विकास दुबे के नाम पर कोई सुबोध से 20 लाख रुपये ठगने की कोशिश कर रहा था। उसके फ्राड मिलने पर तलाश बंद कर दी गई। उस वक्त विकास की गिरफ्तारी मुख्य मुद्दा थी। ऑडियो किसने वायरल किया, मुझे तो यह नहीं मालूम। यह प्रकरण स्थानीय पुलिस को भी पता था।