UP News : दिवाली पर उल्लू की तस्करी नहीं होने देगा वन महकमा: अनिल कुमार

मेरठ (हि.स.)। विलुप्त होते जा रहे उल्लू की दिवाली पर तस्करी रोकने को वन विभाग ने कमर कस ली है। वन विभाग के अधिकारियों ने दो टीमें बनाकर उन्हें गोपनीय कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। ये टीमें हस्तिनापुर वन सेंचुरी पर नजर रखेंगी और पक्षियों की खरीद-फरोख्त का कारोबार करने वाले लोगों पर भी शिकंजा कसेगी।

उल्लू को लक्ष्मी देवी का वाहन माना जाता है। प्राचीन काल से ही जहां दिवाली के मौके पर कुछ लोग उल्लू का पूजन करते हैं। वहीं, कुछ लोग लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उल्लू की बलि भी देते आए हैं। पिछले काफी समय से दिवाली का त्यौहार सिर पर आते ही देशभर में उल्लू की तस्करी भी बढ़ जाती है। इसी तस्करी को रोकने के लिए इस बार वन विभाग की टीम ने कड़े कदम उठाए हैं। 
प्रभागीय वन अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि उल्लू की तस्करी रोकने के लिए वन विभाग द्वारा दो टीमों का गठन किया गया है। इनमें एक टीम हस्तिनापुर वन सेंचुरी में शिकारियों पर नजर रख रही है। वहीं दूसरी टीम गोपनीय रूप से मेरठ में पक्षियों की खरीद-फरोख्त का काम करने वाले व्यापारियों पर नजर बनाए हुए है। 
उन्होंने दावा किया कि दिवाली के मौके पर उल्लू की तस्करी करने वालों के खिलाफ वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, वन विभाग के अधिकारियों ने यह भी स्वीकार किया है कि धीरे-धीरे लोगों के दिलों से उल्लू की बलि देने से लक्ष्मी के प्रसन्न होने वाला अंधविश्वास समाप्त होने लगा है। जिसके चलते पिछले कुछ वर्षों से उल्लू की तस्करी में भी बेहद गिरावट आई है। मगर इसके बावजूद वन विभाग के अधिकारी विलुप्त होती उल्लु प्रजाति को बचाने के लिए अपनी तरफ से पूरी कवायद में जुटे हैं। 

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