UP News : जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने जेल का किया निरीक्षण, बंदियों को किया जागरुक

– चार महिला बंदियों को मिली अधिवक्ता पैनल की सुविधा

कानपुर (हि.स.)। जिला जेल में बंद कैदियों खासकर महिला बंदियों की समस्याओं को लेकर सोमवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने जेल का निरीक्षण किया। यहां पर कैदियों को जो विधिक सहायता मिलनी चाहिये उन पर कैदियों से चर्चा की गयी। इसके साथ ही बंदियों को जागरुक भी किया गया और चार महिला बंदियों को अधिवक्ता पैनल की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। 

विधिक सेवा दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने जनपद न्यायाधीश एके सिंह के मार्गदर्शन में सोमवार को जिला कारागार में बंदियों के लिए जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। यहां पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने बंदियों की समस्याओं जैसे निः शुल्क विधिक सहायता, मुक़दमें की वर्तमान स्थिति की जानकारी, लम्बित मामलों का त्वरित निस्तारण व निकट सम्बन्धियों से मुलाक़ात व फ़ोन से बात कराया जाना सुनी तथा कुछ समस्याओं का त्वरित निस्तारण किया। सचिव ने ज़िला कारागर का निरीक्षण किया तथा महिला बैरक में कुछ महिला बंदियों व बच्चों से वार्ता भी की तथा उनकी समस्याएँ सुनी। इस दौरान चार महिला बंदियों को तत्काल पैनल अधिवक्ता की सुविधा उपलब्ध करायी गयी और उपस्थित पैनल अधिवक्ता से वार्ता भी करायी। सचिव ने जेल की पाकशाला व हॉस्पिटल का भी जेल अधीक्षक के साथ निरीक्षण किया तथा कोविड महामारी से बचाव के सम्बंध में जेल प्रशासन द्वारा लिए जा रहे कदमों का भी जायज़ा लिया। बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम 1987 के अंतर्गत समाज के कमज़ोर वर्गों को निःशुल्क क़ानूनी सेवाएँ प्रदान करने और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान करने के उद्देश्य से किया गया है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39 ए के तहत राज्य का यह कर्तव्य है कि वह अपने सभी नागरिकों को समान न्यायिक सुविधाएं प्रदान कराए।

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