UP News : कोरोना के बाद आर्थिक केन्द्र के रूप में उभरा उप्र, 45,000 करोड़ का जल्द आएगा निवेश
-छह महीने में 6,700 करोड़ की निवेश परियोजनाओं के लिए 326 भूखंडों का आवंटन
-कोरोना के बाद 14,900 करोड़ के निवेश-प्रस्ताव परियोजनाओं में परिवर्तित करने में मिली सफलता-43 प्रतिशत एमओयू का कार्यान्वयन करवाने में सफल
लखनऊ (हि.स.)। योगी सरकार के औद्योगिक विकास के लिए किए गए नीतिगत सुधारों के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। अनेक राष्ट्रीय एवं विदेशी कंपनियां उत्तर प्रदेश में 45,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। वहीं कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश सरकार उद्योगों को बढ़ावा देने और प्रदेश के नागरिकों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए नित नए कदम उठाए जा रहे हैं। यही कारण है की हाल ही में उत्तर प्रदेश ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में पिछले 3 वर्षों में 12 स्थानों की अभूतपूर्व प्रगति करते हुए देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
निवेश से 1.35 लाख रोजगार के अवसरों के सृजन की सम्भावना
प्रदेश के अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बीते छह महीनों में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास प्राधिकरणों ने निवेश परियोजनाओं के लिए लगभग 426 एकड़ (326 भूखण्ड) आवंटित किए हैं, जिसमें लगभग 6,700 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है और लगभग 1,35,362 रोजगार के अवसरों के सृजन की सम्भावना है। इसमें प्रमुख रूप से हीरानंदानी ग्रुप, सूर्या ग्लोबल, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एमजी कैप्सूल्स, केशो पैकेजिंग, माउंटेन व्यू टेक्नॉलॉजी इत्यादि निवेशक सम्मिलित हैं।
जापान, अमेरिका, कनाड़ा, जर्मनी और दक्षिण कोरिया की पसन्द बना उप्र
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त ने बताया कि कोरोना महामारी आने बाद 40 से अधिक निवेश आशयों को आकर्षित करने में सफलता मिली है, जिसमें लगभग 10 देशों जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस), यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया आदि की कंपनियों के लगभग 45,000 करोड़ रुपये के निवेश-प्रस्ताव सम्मिलित हैं।
करोड़ों की निवेश परियोजनाएं सक्रिय क्रियान्वयन के करीब
उन्होंने कहा कि इसमें से हीरानंदानी ग्रुप द्वारा डाटा सेंटर में 750 करोड़ रुपये, ब्रिटानिया इण्डस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा एकीकृत खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने में 300 करोड़ रुपये, एसोसिएटेड ब्रिटिश फूड पीएलसी (एबी मौरी) (यूके) द्वारा खमीर मैन्यूफैक्चरिंग में 750 करोड़, डिक्सन टेक्नोलॉजीज द्वारा कन्ज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में 200 करोड़, वॉन वेलिक्स (जर्मनी) द्वारा फुटवियर निर्माण में 300 करोड़ तथा सूर्या ग्लोबल फ्लेक्सी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पीओपीपी, बीओपीईटी, मेटालाइज्ड फिल्म्स प्रोडक्शन प्लांट में 953 करोड़ रुपये का निवेश परियोजनाएं सक्रिय क्रियान्वयन के अधीन है।
उद्यम स्थापना के संबंध में चल रही बातचीत
इसके अतिरिक्त मैक सॉफ्टवेयर (यूएस) द्वारा सॉफ्टवेयर विकास में 200 करोड़, एकैग्रेटा इंक (कनाडा) द्वारा अनाज अवसंरचना उपकरणों में 746 करोड़, एडिसन मोटर्स (दक्षिण कोरिया) द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों में 750 करोड़ तथा याजाकी (जापान) द्वारा वायरिंग हारनेस तथा कम्पोनेंट्स के क्षेत्र में 2,000 करोड़ का निवेश की सहमति प्राप्त हो चुकी है। उद्यम स्थापना के संबंध में इन कंपनियों से लगातार बातचीत चल रही है।
कोरोना के बावजूद भूमि उपलब्धता पर भी तेजी से हुआ काम
अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने कोरोना के बाद भूमि बैंक सृजन के बारे में विस्तार के बारे में बताया कि प्रदेश में पहले से ही 20,000 एकड़ औद्योगिक भूमि बैंक उपलब्ध है। इसके अतिरक्ति वित्तीय वर्ष 2021 में लगभग 5,000 एकड़ के भूमि बैंक के विकास का लक्ष्य निर्धारित करते हुए अगस्त-सितम्बर, 2020 में मात्र 2 माह की अवधि में विभिन्न औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के माध्यम से लक्ष्य का 13.67 प्रतिशत प्राप्त कर लिया है।
एक्सप्रेसवे के किनारे 22,000 एकड़ भूमि चिह्नित
उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए एक्सप्रेसवेज के किनारे लगभग 22,000 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है। इस भूमि में से विभिन्न विकास मॉडलों के माध्यम से औद्योगिक पार्कों की स्थापना के लिए फिरोजाबाद, आगरा, उन्नाव, चित्रकूट, मैनपुरी और बाराबंकी जिलों में छह उच्च संभावना वाले स्थानों की पहचान की गई है।
8,500 करोड़ के निवेश वाली 7 परियोजनाओं में वाणिज्यिक संचालन प्रारम्भ
आलोक कुमार ने कहा कि कोविड-19 के आने के बाद लगभग 8,500 करोड़ रुपये के निवेश वाली 7 परियोजनाओं में वाणिज्यिक संचालन प्रारम्भ हो गया है, जबकि लगभग 6,400 करोड़ रुपये के निवेश की 19 परियोजनाएं सक्रिय कार्यान्वयन के अधीन हैं। इस प्रकार प्राप्त निवेश आशयों में से अब तक लगभग दो लाख करोड़ रुपये का निवेश, अर्थात् लगभग 43 प्रतिशत निवेश कार्यान्वयन के सक्रिय चरणों के अधीन है।