UP News : कस्तूरबा गांधी विद्यालयों का शिक्षक-कर्मचारी प्रतिनिधिमण्डल अखिलेश से मिला, सेवा बहाली की गुहार
लखनऊ (हि.स.)। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से शुक्रवार को कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघर्ष मोर्चा और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शिक्षक-शिक्षणेत्तर यूनियन के प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट कर उन्हें अपना ज्ञापन सौंपा। इन विद्यालयों में 14-15 वर्षों से कार्यरत लगभग 2,000 कर्मचारियों की आजीविका पर संकट छाया हुआ है। अखिलेश यादव ने कर्मचारियों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।
ज्ञापन में कहा गया है कि प्रदेश में 746 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की स्थापना बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2005-06 में समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत हुई थी। इनमें गरीबी रेखा से नीचे की अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग की 80 प्रतिशत बालिकाएं अध्ययन कर रही हैं। इन विद्यालयों में विगत 14-15 वर्षों से अल्प वेतनमान पर कार्यरत लगभग दो हजार कर्मचारियों, वार्डेन, फुलटाइम टीचर, पार्टटाइम शिक्षकों को अब बालकों के निःशुल्क शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 का हवाला देकर निकाले जाने के आदेश हुए हैं।
अधिकतर कर्मचारियों की उम्र 50 वर्ष के ऊपर हैं जिससे उनकी आजीविका और जीवन दोनों खतरे में पड़ गया हैं। इनका जिला चयन समिति ने चयन किया था और प्रतिवर्ष उनका संविदा विस्तार होता रहा है।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघर्ष मोर्चा उप्र के अध्यक्ष देश दीपक दुबे एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय वेलफेयर एसोसिएशन उप्र की महिला विंग अध्यक्ष आशा रंजन के साथ प्रतिनिधिमण्डल के अन्य सदस्यों ने सम्बन्धित संगठनों के ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि 14 जुलाई, 2020 को जारी राज्य परियोजना निदेशक के शासनादेश को तत्काल वापस लिया जाए। सभी कार्यरत कर्मचारियों की संविदा का बिना शर्त नवीनीकरण हो तथा पुराने पदों पर उनकी सेवाएं बहाल हों।