UP News : ऊर्जा मंत्री ने की हाई लाइन लास वाले उपकेंद्रों की समीक्षा

लाइन हानियां 15 फीसद से नीचे लाएं, 24 घंटे निर्बाध सस्ती बिजली पाएं : श्रीकांत शर्मा

प्रादेशिक डेस्क

लखनऊ। ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री पं. श्रीकान्त शर्मा ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जिलों के हाई लाइन लॉस वाले शहरी व ग्रामीण उपकेंद्रों की समीक्षा की। उन्होंने हाई लॉस वाले उपकेंद्रों को रेड कैटेगरी से ग्रीन कैटेगरी में लाने और सस्ती व निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। इस कार्य में लापरवाही पाये जाने पर जवाबदेही तय की जाये। यूपीपीसीएल चेयरमैन इस लक्ष्य की लगातार मॉनिटरिंग करें।
ऊर्जा मंत्री ने अंबेडकर नगर के नेवादा व अकबरपुर, अमेठी के इन्हौना व गौरीगंज, बहराइच के पयागपुर व घंटाघर, बलरामपुर के स्टीम पावर हाउस व भगवती गंज, बाराबंकी के कुर्सी व पलहारी, बदायूं के कादर चौक व कार्यशाला, गोण्डा के बेलसर व झंझरी, हरदोई के साण्डी रोड रूरल व सिटी पावर हाउस, लखीमपुर खीरी के कलाम व खीरी, पीलीभीत के हरीपुर व नकटादाना उपकेंद्रों की समीक्षा की। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सभी उपभोक्ताओं को सही बिल व समय पर बिल मिले। साथ ही सभी चिह्नित उपकेंद्रों की लाइन हानियों को 15 फीसद से नीचे ले आएं, जिससे सस्ती, पर्याप्त और निर्बाध विद्युत आपूर्ति का संकल्प पूरा करने में आसानी हो। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि लाइन लॉस कम करने के लिये बिजली चोरी पर रोक लगना और समय पर बिल जमा करना बेहद जरूरी है। इसलिए यह संकल्प जन सहयोग से ही पूरा हो सकता है। इसके लिये स्थानीय जन प्रतिनिधियों का सहयोग लेकर आमजन को प्रेरित करें। उन्होंने निर्देशित किया कि ईमानदार उपभोक्ता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। उन्हें सही बिल व समय पर बिल मिले। अधिक बिल आने की शिकायतों को गंभीरता से लें, उनका समाधान करें और उपभोक्ता को संतुष्ट करें। उपभोक्ता को गलत बिल मिला है तो संबंधित क्षेत्र की बिलिंग एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायें। ईमानदार उपभोक्ता परेशान नहीं होना चाहिए। अधिकारियों का व्यवहार भी उपभोक्ताओं से मधुर हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर भी अपने पास रखें। उनसे सुविधाओं के बारे में फीडबैक भी लें और उन पर काम करें। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि 60 दिन के भीतर सभी चिह्नित किये गए फीडरों पर लाइन लॉस 15 फीसद से नीचे लेकर आना है। उपकेंद्र आत्मनिर्भर बनेंगे तभी कॉर्पोरेशन को आत्मनिर्भर बनाया जा सकेगा।

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