UP News : आरोपी आईपीएस अनंत देव तिवारी हटाए गए

विकास दुबे पर कार्रवाई नहीं करने का था आरोप

प्रादेशिक डेस्क

लखनऊ। योगी सरकार ने मंगलवार देर शाम एसटीएफ डीआईजी अनंत देव सहित तीन आईपीएस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है। अंनत देव का नाम कानपुर एनकाउंटर केस में भी आया था। उन पर सीओ देवेन्द्र मिश्रा शिकायत के बावजूद विकास दुबे पर कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप था। वहीं आईपीएस अमित पाठक को वाराणसी का एसएसपी बनाया गया है। अभी वह मुरादाबाद में तैनात थे। इसके साथ ही वाराणसी के एसएसपी प्रभाकर चौधरी का तबादला मुरादाबाद किया गया है। सुधीर कुमार सिंह को एसटीएफ एसएसपी बनाया गया है। वह पीएसी आगरा में तैनात थे।
कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की निर्मम हत्या के बाद विकास दुबे और पुलिस की दोस्ती की परतें खुलने लगी हैं। इसकी आंच कानपुर के पूर्व एसएसपी अनंत देव तक पहुंच गई है। आईजी लखनऊ की अब तक की जांच में अनंत देव भी शक के दायरे में आ रहे हैं। चौबेपुर के निलंबित एसओ के खिलाफ शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र की रिपोर्ट सही पाई गई है। जांच में इस बात के भी प्रमाण मिले हैं कि रिपोर्ट अनंत देव को भेजी गई थी। जल्द ही उनसे पूछताछ हो सकती है।
मंगलवार को आईजी लखनऊ लक्ष्मी सिंह बिल्हौर सीओ के दफ्तर में जांच करने पहुंचीं तो उन्हें एक नहीं, बल्कि आधा दर्जन से ज्यादा ऐसी रिपोर्ट के बारे में जानकारी मिली जो देवेंद्र मिश्र ने तत्कालीन एसएसपी अनंत देव को एसओ चौबेपुर विनय तिवारी के खिलाफ भेजी थीं। लक्ष्मी सिंह ने विनय तिवारी के खिलाफ अलग-अलग मामलों में भेजी गईं रिपोर्ट्स में क्या-क्या जानकारियां थीं, इसे भी देखा। इसमें साफ था कि हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के अलावा कुछ और आपराधिक मामलों में एसओ द्वारा लापरवाही बरती गई थी, जिसके कारण अपराधियों को लाभ पहुंचा था। सभी रिपोर्ट कब्जे में लेने के बाद आईजी ने सीओ दफ्तर में कम्प्यूटर में तैनात महिला सिपाही से पूछताछ की। उसने बताया कि 14 मार्च को सीओ ने उसी से रिपोर्ट टाइप कराई थी। उसके बाद उन्होंने रिपोर्ट का क्या किया, इसके बारे में जानकारी नहीं है। जांच के साथ ही इस तथ्य से भी पर्दा उठ गया कि रिपोर्ट व्हाट्सएप या ईमेल के माध्यम से आगे बढ़ाई गई थी।
ईमेल और व्हाट्सएप पर रिपोर्ट क्यों आगे बढ़ाई गई। इस पर आईजी को जानकारी दी गई कि उस दौरान कोरोना काल की वजह से लॉकडाउन चल रहा था, जिसके चलते सामान्य तरह से पत्राचार भेजने पर रोक थी। यही वजह थी कि ज्यादातर पत्राचार व्हाट्सएप या ईमेल के माध्यम से ही किए जा रहे थे। रिपोर्ट भेजे जाने की पुष्टि के बाद अनंत देव पर शिकंजा कस सकता है। आईजी ने जांच के दौरान वहां मौजूद अफसरों यहां तक कह दिया कि एक सीओ की क्या दशा होगी जो उन्हें ऐसी रिपोर्ट थानेदार के खिलाफ भेजनी पड़ रही हो। उसके बावजूद यदि वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही, तो यह सबसे गंदी बात है।

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