UP News : अब एक्सप्रेस बनकर फर्राटा भरेंगी पैसेंजर ट्रेनें

प्रादेशिक डेस्क

गोरखपुर। जल्द ही पैसेंजर ट्रेनें नए अवतार में नजर आएंगी। इन ट्रेनों में एसी कोच तो होंगे ही, साथ ही इनकी रफ्तार भी बदली हुई नजर आएगी। रेलवे में आगामी दिनों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। लम्बी दूरी की जो पैसेंजर ट्रेनें चल रही हैं, उन्हें एक-एक कर एक्सप्रेस ट्रेनों में बदला जाएगा। इसके लिए कवायद शुरू हो गई है।
जानकारी के अनुसार, रेलवे बोर्ड ने सभी क्षेत्रीय रेलवे के साथ बैठक कर निर्देश दिए हैं कि वे अब आगे से नई पैसेंजर ट्रेन का प्रस्ताव बिल्कुल न भेजें। जो चल रही हैं उसे सुविधानुसार एक-एक कर मेल-एक्सप्रेस में बदलकर यात्रियों को और अधिक सुविधाए दें। गोरखपुर से दो पैसेंजर ट्रेन नकहा जंगल से लखनऊ और गोरखपुर से वाराणसी पैसेंजर को एक्सप्रेस में बदलने की सहमति बन चुकी है। लम्बी दूरी की जिन पैसेंजर ट्रेनों को मेल-एक्सप्रेस में बदला जाएगा, उनकी रफ्तार बढ़ने से गन्तव्य तक पहुंचने में समय भी कम लगेगा। पैसेंजर ट्रेनों की औसत चाल जहां 40 से 45 के बीच होती है, वहीं मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की औसत चाल 50 से 60 के बीच होती है। इस लिहाज से पैसेंजर ट्रेन से जहां वाराणसी पहुंचने में अभी अगर नौ घंटे लगते हैं तो मेल एक्सप्रेस से महज सात घंटे ही लगेंगे।
पैसेंजर से एक्सप्रेस ट्रेन में बदलने से इस तरह की ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को स्लीपर के साथ ही एसी कोच में भी यात्रा करने की सुविधा होगी। सुविधा बढ़ने के साथ ही यात्रियों को किराया थोड़ा ज्यादा देना होगा। हालांकि अभी इस सम्बंध में कोई स्पष्ट निर्देश नहीं मिले हैं। पैसेंजर से एक्सप्रेस हो जाने से लखनऊ और वाराणसी पहुंचने में दो से तीन घंटे की बचत होगी। गोरखपुर से लखनऊ जाने में पैसेंजर ट्रेन से जहां आठ घंटे का समय लगता है, वहीं एक्सप्रेस हो जाने के बाद महज छह घंटे में लखनऊ की यात्रा पूरी हो जाएगी। गोरखपुर से वाराणसी जाने में जहां आठ से नौ घंटे का समय लगता है, वहीं एक्सप्रेस हो जाने के बाद छह घंटे में पहुंचा जा सकेगा।

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