UP News:वरासत के लिए 15 दिसम्बर से शुरू होगा विशेष अभियान

मण्डलायुक्त और डीएम को सौंपी गई पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी

जानकी शरण द्विवेदी

लखनऊ। खातेदार किसान की मृत्यु के बाद खतौनी में उत्तराधिकारी के तौर पर अपना नाम दर्ज कराने के लिए भटक रहे लोगों को सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। प्रदेश के सभी गांवों में निर्विवाद उत्तराधिकार (वरासत) को दर्ज कराने के लिए 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक अभियान चलेगा। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने इस बारे में सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को शासनादेश जारी कर दिया है। राजस्व विभाग का अनुमान है कि प्रदेश में उत्तराधिकार दर्ज कराने के लिए तकरीबन डेढ़ से दो लाख आवेदन लंबित हैं। मंडल स्तर पर सभी मंडलायुक्त इस अभियान की निगरानी करेंगे और राजस्व गांवों में खतौनियों के पढ़े जाने तथा अविवादित उत्तराधिकारियों की वरासत को दर्ज करने की कार्यवाही का समय-समय पर स्थलीय निरीक्षण करेंगे। जिला स्तर पर अभियान के संचालन और निगरानी की जिम्मेदारी जिलाधिकारी पर होगी। उप जिलाधिकारी और तहसीलदार प्रत्येक राजस्व गांव के लिए भ्रमण कार्यक्रम तय करते हुए संबंधित राजस्व निरीक्षकों और लेखपालों को सूचित करेंगे। जिन गांवों में ज्यादातर काश्तकार अन्य स्थानों पर रहते हों, उन गांवों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
एसडीएम/तहसीलदार यह भी सुनिश्चित करेंगे कि राजस्व निरीक्षकों की ओर से उपलब्ध कराये गए सभी प्रपत्रों के अनुसार राजस्व निरीक्षक कार्यालय/सदर कानूनगो जल्दी से जल्दी कंप्यूटरीकृत खतौनी में निर्विवादित उत्तराधिकारियों के नाम दर्ज कराते हुए भूलेख साफ्टवेयर पर भी इसे अपडेट कराया जाए। इसी के मुताबिक खतौनी की नकलें भी जारी की जाएं। अभियान खत्म होने पर डीएम प्रत्येक लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार व एसडीएम से यह प्रमाणपत्र लेंगे कि उनके क्षेत्र में अविवादित उत्तराधिकार का कोई मामला बचा नहीं है। मंडलायुक्त मंडल स्तर मासिक रूप से और डीएम जिला स्तर पर अभियान की पाक्षिक समीक्षा करेंगे। प्रार्थना पत्र/रिपोर्ट दिये जाने की स्थिति में आवेदक ऑनलाइन प्रार्थना पत्र भरने के लिए राजस्व परिषद की वेबसाइट पर राजस्व न्यायालय कंप्यूटर प्रबंधन प्रणाली लिंक पर उपलब्ध वरासत आवेदन पर अपना मोबाइल फोन नंबर भरेंगे। मोबाइल फोन पर प्राप्त ओटीपी को भरकर पंजीकरण करेंगे और आवश्यक सूचनाएं पोर्टल पर भरेंगे। लेखपाल की ओर से रिपोर्ट दिये जाने की स्थिति में लेखपाल अपनी लॉगिन आइडी से उत्तराधिकार/वरासत संबंधी विवरण भरेंगे।

समय-सारिणी

15 से 30 दिसंबर : राजस्व/तहसील अधिकारी राजस्व गांवों का भ्रमण कर अभियान का प्रचार-प्रसार करेंगे, खतौनियां पढ़ी जाएंगी, लेखपाल वरासत प्रार्थनापत्र प्राप्त कर उन्हें ऑनलाइन भरेंगे।
31 दिसंबर से 15 जनवरी : लेखपाल ऑनलाइन जांच की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही करेंगे।
16 से 31 जनवरी : राजस्व निरीक्षक जांच और आदेश पारित करने की प्रक्रिया के अनुसार कार्यवाही करेंगे। साथ ही राजस्व निरीक्षक (कार्यालय) द्वारा नामांतरण आदेश को आर-6 में दर्ज करने के बाद खतौनी की प्रविष्टियों को भूलेख पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा।
एक से सात फरवरी : डीएम हर लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार व उप जिलाधिकारी से प्रमाणपत्र लेंगे कि उनके क्षेत्र में गांवों में निर्विवाद उत्तराधिकार का कोई मामला बचा नहीं है।
आठ से 15 फरवरी : डीएम हर तहसील के 10 फीसद गांवों को रैंडम तरीके से चिन्हित करके उनमें एडीएम, एसडीएम आदि से इसकी जांच कराएंगे। ऐसे काश्तकार जो सामान्यतः गांवों में नहीं रहते या जो तय तारीख को राजस्व गांव में पहुंचने में असमर्थ हों, उनके लिए हर तहसील में एक काउंटर खोलते हुए अविवादित वरासत दर्ज कराने के लिए प्रार्थना पत्र लिए जाएंगे।

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