UP News:आजम खान को पत्नी, बेटे के साथ मिली जमानत
बेटे का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के आरोप में जेल में हैं बंद
प्रादेशिक डेस्क
प्रयागराज। फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने और पद का दुरुपयोग कर दुकान आवंटन के मामले में रामपुर से सपा सांसद मोहम्मद आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और पूर्व विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम खां को हाईकोर्ट ने राहत दे दी है। कोर्ट ने दो अलग-अलग मुकदमों में तीनों की जमानत मंजूर कर ली है।
दोनों मुकदमे रामपुर में दर्ज हैं। आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने शहरी विकास मंत्री रहते हुए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए कम कीमत पर पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के नाम 2014 में क्वालिटी बार शाप का आवंटन कराया था। इस मामले में आजम की पत्नी और बेटे पर मुकदमा दर्ज है जबकि, आजम खान आरोपी नहीं बनाए गए थे। कोर्ट ने तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खां को इस मामले में भी जमानत दे दी है। वहीं बेटे के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में मोहम्मद आजम खान, तंजीम फातिमा के साथ ही बेटे अब्दुल्ला आजम खां की जमानत मंजूर की गई है। दोनों ही मामलों में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद एक सितंबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ की एकलपीठ ने कहा कि शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना का बयान दर्ज होने के बाद आजम खां को रिहा किया जाए। जबकि तंजीम और अब्दुल्ला आजम पर ऐसी कोई शर्त नहीं है इसलिए वे तत्काल रिहा हो सकेंगे। कोर्ट ने विचारण न्यायालय रामपुर से कोर्ट खुलने पर तीन माह के भीतर शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने की अपेक्षा की है। तीनों के खिलाफ बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने रामपुर के गंज थाने में धोखाधड़ी, कूटकरण के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें पुलिस चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। मुकदमा चल रहा है। आजम खान व ताजीम फातिमा पर आरोप है कि अपने बेटे का दो जन्मतिथि प्रमाणपत्र बनवाया है। एक नगर पालिका परिषद रामपुर व दूसरा नगर निगम लखनऊ से। दोनों में जन्म तिथि मे काफी अंतर है। इसी फर्जी प्रमाणपत्र पर अब्दुल्ला आजम ने विधानसभा का चुनाव लड़ा और जीत गए। इसके खिलाफ चुनाव याचिका दाखिल की गई। जिसमें हाईकोर्ट ने आयु प्रमाणपत्र फर्जी पाते हुए अब्दुल्ला का निर्वाचन रद़्द कर दिया है। बचाव पक्ष की ओर से दलील दी गई कि जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में अब्दुल्ला की कोई भूमिका नहीं है। इसलिए उनको जमानत पर रिहा किया जाए। वहीं तंजीम फातिमा का कहना था कि महिला होने के कारण जमानत दी जाए। इसलिए कोर्ट ने दोनों को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है और आजम खां को शिकायत कर्ता का बयान दर्ज करने के बाद रिहा करने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट से दो मामलों में जमानत मिलने के बाद भी आजम खान और उनके परिवार को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा। उनके ऊपर दर्ज चार अन्य मुकदमों में अभी उन्हें जमानत नहीं मिली है। जिस कारण उन्हें अभी सीतापुर जेल में ही रहना पड़ेगा। दो मामलों की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही है, तो वहीं दो अन्य मामले रामपुर जिला न्यायालय में विचाराधीन हैं। चारों मामलों में जमानत मिलने के बाद ही आजम और उनके परिवार की रिहाई हो सकेगी। मोहम्मद आजम खान के अधिवक्ता सफदर अली काजमी ने बताया कि आजम खान पर कुल 90 मुकदमे दर्ज हैं। जिनमें 86 मामलों में अब तक उन्हें जमानत मिल चुकी है। चार ऐसे मामले हैं जिनमें अभी जमानत नहीं मिल सकी है। दो मामले इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहे हैं, जिनकी सुनवाई तीन नवंबर को होनी है। ये मामले बेटे अब्दुल्ला आजम के पैनकार्ड और पासपोर्ट से जुड़े हैं। वहीं शत्रु संपत्ति से जुड़े दो मामले रामपुर जिला न्यायालय में चल रहे हैं।