Shravasti News : समूह से मिला गरीबी से लडने की ताकत

संवाददाता

श्रावस्ती। कैलाशा उर्फ मीना पार्वती स्वयं सहायता समूह आज अपने विकास खण्ड गिलौला ग्राम पंचायत तिलकपुर में जाना-पहचाना नाम है, जिन्होनें आपने सीमित संसाघनों सं आजीविका के क्षेत्र में शानदार कार्य किया। ये बडे ही गर्व से बताती है कि मै पार्वती स्वयं सहायता समूह की कोषाध्यक्ष हूं। हमारे समूह का गठन 17.11.2019 में हुआ। हमारे समूह की मासिक बचत 40 रुपए प्रति सदस्य है। जब हम समूह से नही जुडे थे, तो हमारे पास आमदनी का कोई जरिया नही था। न ही हमारे परिवार के पास कोई आय का साधन था। हम सोचती रहती थी कि हमारे घर परिवार का खर्चा कैसे चलेगा। हम घर से बाहर भी नही निकल पाती थी, न ही किसी से बात कर पाती थी। न ही हमें घर से बाहर निकालने का मौका मिल पाता था। आज हमारे जीवन में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है। कैलाशा दीदी बताती है कि जब से हम समूह से जुडे तभी से हम अपनी बातां को अपने घर परिवार आदि लोगो के समक्ष रखने का मौका मिला। निरन्तर समूह की बैठक में प्रतिभाग करने से हमें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत आजीविका के माध्यम से समूह से मदद लेकर अनेको गतिविधि कर हम अपनी आमदनी का साधन बना सकते है, और अपने परिवार का भरण पोषण अच्छे से कर सकते है। इसके लिए आजीविका मिशन से हमारे समूह को आरएफ एवं सीआईएफ राशि प्रोत्साहन के रूप में प्राप्त हुआ है। इस धनराशि को हम सभी समूह की बहने अपनी आजीविका में लगा सकती है।
कैलासा दीदी ने समूह से 40 हजार रुपए कर्ज लेकर हस्तचालित चप्पल की रबड शीट काटने वाली मशीन खरीदकर के गृह स्तर पर छोटी सी मशीन लगाई। वर्तमान में वह अपने पति के साथ इस यूनिट में काम करती है। प्रतिदिन 100 से 120 जोडी चप्पल बना देती है। आस-पास के समूह सदस्य एवं छोटे हाकर्स घर से ही चप्पल खरीदकर ले जाते है। प्रति जोडी रुपए 12 से 15 की बचत हो जाती है। इस प्रकार पूरे परिवार को औसत रुप में 10 हजार से 12 हजार की आय हो जाती है। कैलाशा दीदी ने अपने व्यवसाय को बडा करने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत तीन लाख रुपए लोन का आवेदन किया है, जिससे प्रतिदिन 500 से 600 जोडी चप्पल की शीट काटने की क्षमता वाली आटो मैट्रिक 10 टन की मशीन क्रय किये जाने का प्लान है। इस यूनिट से 5 से 6 परिवारों को रोज का काम मिलेगा।

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