Shravasti News: प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर युवा हो रहे है आत्मनिर्भर

संवाददाता

श्रावस्ती। आज विश्व में वही देश प्रगति कर रहा है, जिस देश में तकनीकी शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है। वैज्ञानिक एवं तकनीकी युग में दैनिक उपयोग में कई घरेलू व निर्माण के उपकरण प्रयोग किये जाते है। उन उपकरणों के उत्पादन, मरम्मत आदि की आवश्यकता होती है। जिस देश के युवा तकनीकी, व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करते है, ऐसी तकनीकी व कुशल श्रम शक्ति से देश की तरक्की होती है। चीन, जापान, कोरिया, सिंगापुर, पश्चिमी देश इसके उदाहरण है। यह जानकारी देते हुए जिलाधिकारी टीके शिबू ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में तकनीकी शिक्षा पर विशेष बल देते हुए ‘‘मेक इन इण्डिया‘‘ योजना की शुरूआत की थी, जिसका उद्देश्य है कि देश के नागरिकों को रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुओं का निर्माण भारत में हो इससे देश प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आत्मनिर्भर होगा और देश का आर्थिक विकास होगा। तकनीकी व्यावसायिक प्रशिक्षण शिक्षा प्राप्त युवाओं को रोजगार के अधिक अवसर मिलेगें। अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने, औद्योगीकरण और उद्यमिता को बढ़ाने से वस्तुओं का आयात कम होगा, और देश का धन बचेगा साथ ही देश में निर्मित वस्तुओं के निर्यात से देश की समृद्धि बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार तकनीकी शिक्षा पर विशेष बल दे रही है। प्रदेश में संचालित आईटीआई संस्थानों में कक्षा-8 पास अभ्यर्थियों को एक वर्षीय वेल्डर, स्वीइंग टेक्नोलॉजी, दो वर्षीय वायरमैन, पेन्टर का प्रशिक्षण दिया जाता है। कक्षा 10 उत्तीर्ण छात्र/छात्रायें कम्प्यूटर आपरेटर एण्ड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, फिजियोथेरेपी टेक्नीशियन, फायर टेक्नोलॉजी एण्ड इण्डस्ट्रियल सेफ्टी मैनेजमेंट फूड प्रोडक्शन जनरल, ट्रेवल एण्ड टूर असिस्टेंट आदि व्यवसायों का एक वर्षीय प्रशिक्षण दिया जाता है। उसी तरह फिटर, टर्नर, मशीनिष्ट, इलेक्ट्रीशियन, टेक्नीशियन पावर इलेक्ट्रानिक सिस्टम, इलेक्ट्रोप्लेयर, ड्राफ्टमैन मैकेनिकल, सिविल, टेक्नीशियन मेडिकल, इलेक्ट्रानिक्स, रेडियोलॉजी टेक्नीशियन आदि विभिन्न ट्रेडस में दो वर्षीय प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रदेश के संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में संचालित विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षण प्राप्त कर लाखों युवक, युवतियॉ रोजगार से लग रहे है। डीएम ने बताया कि प्रदेश में आईटीआई से प्रशिक्षण प्राप्त करने में डयूअल सिस्टम प्रशिक्षण योजनान्तर्गत तथा ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग योजना के अन्तर्गत उद्योगों में प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी प्रशिक्षणार्थियों को उपलब्ध है। इसमें अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण से कौशल और व्यावसायिकता को बेहतर बनाने के अवसर भी उपलब्ध है। आईटीआई में प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षणार्थियों को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार मुद्रा लोन योजनान्तर्गत बिना गारण्टी के ऋण उपलब्ध कराते हुए उनकी सहायता कर रही हैं इन प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवक-युवतियों को सरकारी विभागों, अर्द्ध सरकारी विभागों, निगमों, नगर निकायो, निजी प्रतिष्ठानों में रोजगार मेलों व सेवायोजन विभाग के माध्यम से नौकरियां भी दिलाई जा रही है। प्रदेश सरकार व्यावसायिक शिक्षा प्रशिक्षण देकर युवाओं को आत्मनिर्भर बना रही है।

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