Lucknow News : कोरोना वायरस का व्यवहार समझ पाना मुश्किल, जाड़े में अधिक सतर्कता की दरकार
-देश के कुछ राज्यों में बड़े पर्वों के बाद बढ़ चुका है संक्रमण का ग्राफ: आलोक कुमार
लखनऊ (हि.स.)। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार हो रही गिरावट के बावजूद स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि खतरा अभी टला नहीं है बल्कि जाड़े के मौसम में और सतर्कता बरतने की जरूरत है क्योंकि कोरोना वायरस के व्यवहार को अभी तक ठीक तरह से समझा नहीं जा सका है। ऐसे में सावधानी ही सबसे बेहतर उपाय है।
कान्टेक्ट ट्रेसिंग की स्थित को लगातार बेहतर बनाने की कवायदप्रमुख सचिव, स्वास्थ्य आलोक कुमार ने मंगलवार को बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण को हम नियंत्रित करने में बेहद सफल रहे हैं। मरीजों की रिकवरी दर में जहां लगातार वृद्धि हो रही है वहीं सीएफआर यानी मृत्यु दर में गिरावट दर्ज की गई है। इसके साथ ही अगर प्रति पॉजिटिव व्यक्ति से संबंधित कान्टेक्ट ट्रेसिंग की बात करें तो उनके सम्पर्क में आए लोगों की भी लगातार जांच कराई जाती है। उन्होंने कहा कि सितम्बर में यूनिक कांटेक्ट की संख्या प्रति पॉजिटिव रोगी 5.4 थी, जबकि नवम्बर में 11.2 यूनिक कांटेक्ट प्रति व्यक्ति है।जैसे-जैसे मामलों की संख्या घट रही है, वैसे-वैसे कान्टेक्ट ट्रेसिंग में और सुधार आ रहा है। उन्होंने कहा कि हम इसे बढ़ाने पर और ज्यादा कोशिश कर रहे हैं। क्योंकि अगर हमने समय पर संदिग्ध मरीजों की जांच करके उन्हें आइसोलेट करके रोक लिया तो संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाएगा इसलिए फोकस टेस्टिंग को लेकर भी बेहद ध्यान दिया जा रहा है।
फोकस सैम्पलिंग कर भीड़ में मौजूद संक्रमितों की हो रही तलाशइस दौरान ज्यादा लोगों के सम्पर्क में आने वाले व्यक्तियों पर फोकस करते हुए उनकी सैम्पलिंग कराई जा रही है। इस विशेष अभियान के तहत 29 अक्टूबर को टेम्पो-तिपहिया वाहन चालकों, रिक्शा चालकों के कोरोना नमूने लिए गए। इसी तरह 30 अक्टूबर को मेहंदी लगाने वाले और ब्यूटी पार्लर से सम्बन्धित लोग के कोरोना नमूने लिए गए। 31 अक्टूबर को मिठाई की दुकानों, 01 नवम्बर को रेस्टोरेंट और 02 नवम्बर को धर्म स्थलों में जाकर कोरोना सैम्पलिंग लेने का कार्य किया गया। वहीं आज 03 नवम्बर को शॉपिंग मॉल के सुरक्षाकर्मियों की सैम्पलिंग की गई।
केरल में ओणम और महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी के बाद बढ़ा संक्रमणप्रमुख सचिव, स्वास्थ्य ने बताया कि केरल और महाराष्ट्र में ओणम और गणेश चतुर्थी के बाद संक्रमण में वृद्धि देखने को मिली है। इसलिए प्रदेश में इसके बचाव के लिए त्यौहारों के मौसम को देखते हुए फोकस सैम्पलिंग पर बेहद ध्यान दिया जा रहा है। इससे प्रतिदिन संक्रमित लोग मिल रहे हैं, जिन्हें आइसोलेट करके भीड़ से अलग किया जा रहा है। अगर ऐसे लोगों को आइसोलेट ना किया गया होता तो इनके बाजार में रहने से न जाने कितनी बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो जाते। इसलिए हमारा यह अभियान बेहद अहम है।
यूरोप के कई देशों में संक्रमण न्यूनतम स्तर पर पहुंचने के बाद फिर बढ़ाउन्होंने बताया कि वास्तव में कोरोना वायरस को समझ पाना बेहद मुश्किल है। यूरोप के कई देशों में वायरस बिल्कुल खत्म होने की स्थिति में आने के बाद इसकी दूसरी लहर देखने को मिली है। इस वजह से ब्रिटेन, जर्मनी, इटली सहित कुछ अन्य देशों में दोबारा लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। इसलिए अगर कोई कहे कि हम वायरस को पूरी तरह समझ पाए हैं तो यह सही नहीं होगा।
उप्र की स्थिति काफी संतोषजनक पर वायरस के व्यवहार पर नजरउन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हमारी स्थिति काफी संतोषजनक है और बेहतर परिणाम दिखाई दे रहे हैं। लेकिन, कोरोना वायरस जाड़े में आगे कैसे व्यवहार करेगा, इसका अनुमान लगाना अभी मुश्किल है। यूरोप में जाड़े का मौसम जल्दी आ जाता है, इस दौरान वहां संक्रमण बढ़ा है। वहीं अगर दिल्ली की बात करें तो कोरोना की दूसरी लहर लगभग उच्चतम पर है। वहां लगभग 6,000 मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। इस वजह से दिल्ली से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जनपदों में भी पॉजिटिविटी दर प्रदेश के अन्य जनपदों के मुकाबले अधिक है। हालांकि नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश की स्थिति हरियाणा और दिल्ली से बेहतर है। फिर भी जाड़े में कोरोना वायरस कैसे व्यवहार करेगा, यह कह पाना मुश्किल है इसलिए सावधानी बनाए रखें और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें, क्योंकि जहां मास्क का प्रयोग ज्यादा हुआ है, वहां हमें इसे रोकने में सफलता मिली है।